2020 तक सबके लिए चावलः नगालैंड
यहां एक ही खेत से एक कृषि वर्ष में पैदा की जाने वाली फसलों की दर 2016-17 में 134.9 फीसदी थी जो 2005-06 के मुकाबले 9.7 फीसदी की वृद्धि दर्शाती है. राज्य में पैदावार को बढ़ाने के अलावा उत्पादन में जल प्रबंधन भी एक अहम कसौटी है.

कोहिमा में 20 अक्तूबर को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में नगालैंड के कृषि और कृषि उत्पादन आयुक्त टी. इमकोंगलेंबा एओ ने कहा था कि राज्य को वियतनाम जैसे युद्ध से तबाह देश में कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों से सबक लेना चाहिए, जहां के राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 75 फीसदी है. नगालैंड के लिए यह लक्ष्य काफी बड़ा है जहां कृषि का राज्य के जीडीपी में योगदान महज 30 फीसदी है.
एओ ऐसा कह कर एक चेतावनी जारी कर रहे थे. फिलहाल राज्य में कृषि क्षेत्र भले ही यहां की अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा योगदान देता हो लेकिन 2016-17 के नगालैंड के आर्थिक सर्वे के अनुसार, 2015-16 के अनुमानों हिसाब से यहां कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की सकल राज्य मूल्य संवर्धन (जीएसवीए) में हिस्सेदारी जो 2011-12 में 30.9 फीसदी थी, वह 2015-16 में गिरकर 29.4 फीसदी पर आ गई है. इस अवधि में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में केवल 1.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. राज्य की 71 फीसदी आबादी भले ही कृषि पर निर्भर है, लेकिन अब यहां धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था कृषि से दूसरे क्षेत्रों की ओर मुड़ रही है.
एओ के अनुसार आगे का रास्ता एक समावेशी, तीव्र और समेकित कृषि से होकर जाता है जिसे परंपरागत ज्ञान और जलवायु के अनुकूल फसलों के साथ नई प्रौद्योगिकी को मिलाकर हासिल किया जा सकता है. उपजाऊ रकबे को बढ़ाकर उत्पादन बढ़ाने की संभावनाएं यहां बहुत सीमित हैं. यहां एक ही खेत से एक कृषि वर्ष में पैदा की जाने वाली फसलों की दर 2016-17 में 134.9 फीसदी थी जो 2005-06 के मुकाबले 9.7 फीसदी की वृद्धि दर्शाती है. राज्य में पैदावार को बढ़ाने के अलावा उत्पादन में जल प्रबंधन भी एक अहम कसौटी है.
प्रमुख फसलों के तहत आने वाला क्षेत्रफल 2011-12 से 2014-15 के बीच 7.04 फीसदी बढ़ा. 2016-17 में अनुमान था कि कुल खाद्यान्न उत्पादन 7,11,430 एमटी पहुंच जाएगा जो कि 2015-16 के उत्पादन से 34,530 एमटी ज्यादा था. चावल का उत्पादन 2001-02 के 2,36,350 एमटी से बढ़कर 2015-16 में 4,78,210 एमटी पर आ गया जो कि 102.3 फीसदी की वृद्धि है. इसके बावजूद यह राज्य चावल उत्पादन में स्वावलंबी नहीं हो सका है. नगालैंड को 2011, 2012, 2013 और 2014 में केंद्र की ओर से कृषि ग्रामीण पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. ऐसे में उत्पादन का यह लक्ष्य कोई असंभव सपना नहीं है. ठ्ठ
अव्वल क्यों- ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति कृषि जीडीपी 2014 में 95,813 रु. थी जो 70,866 रु. के राष्ट्रीय औसत से काफी आगे है
- 2011 से 2014 के बीच ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति कृषि जीडीपी में 32 फीसदी का सर्वाधिक सुधार जबकि राष्ट्रीय वृद्धि दर 0.6 फीसदी रही
नीतिगत पहल
- स्वास्थ्यकर भोजन पैदा करने के लिए जैविक खेती अपनाना, पर्यावरण और पारिस्थितिकी का संरक्षण व रखरखाव, जैविक रूप से समेकित खेती प्रणाली को प्रोत्साहन देना
- बांस की उपज और बांस आधारित उद्योगों के लिए नगालैंड बांस नीति का संर्द्धन, पारिस्थितिक सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन कायम करना