इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025: उपासना अरोड़ा ने स्वस्थ रहने के लिए क्यों अच्छे विचारों को दी अहमियत
सीनियर रेडिएशन आंकोलॉजिस्ट गगन सैनी ने बताया कि उपवास शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा इंसुलिन के असर से बचाता है

फिटनेस में गहरी दिलचस्पी रखने वाले और मैराथन धावक डॉक्टर सुनील डागर ने कहा, "शारीरिक गतिविधि शुरू करने से पहले, यह समझना जरूरी है कि आपका शरीर कैसे काम करता है. उस बिना पर खुद का आकलन करना चाहिए. आपको हल्की दिनचर्या जैसे पैदल चलने और धीरे-धीरे दौड़ने से शुरुआत करनी चाहिए...और फिर धीरे-धीरे इस पैटर्न में बदलाव लाना चाहिए."
यशोदा मेडिसिटी की एमडी और सीईओ डॉक्टर उपासना अरोड़ा के मुताबिक, अच्छा स्वास्थ्य सिर्फ सही आहार और व्यायाम से नहीं आता, बल्कि अच्छे विचारों से भी जुड़ा होता है. एक अच्छा मन ही एक अच्छा शरीर बना सकता है. फिट रहना सिर्फ कसरत भर नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से खुश रहना भी उतना ही जरूरी है.
आर्थोपेडिक्स, जॉइंट रिप्लेसमेंट और आर्थरोस्कोपी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अमित शर्मा ने कहा, "अचानक होने वाली हृदय संबंधी मौतें इतनी अप्रत्याशित भी नहीं होतीं, वे पहले कुछ संकेत देती हैं. आप ट्रेडमिल से उतरकर सीधे वेट नहीं उठा सकते. नियमित रूप से कुछ साधारण आदतें अपनाकर खुद को फिट रखा जा सकता है, भले ही चारों ओर प्रदूषण हो."
वहीं अभिनेत्री गुल पनाग ने कहा, "चुनौतियां तो हमेशा रहेंगी, लेकिन हमें तय करना होगा कि हर हाल में खुश रहना है और व्यायाम के लिए समय निकालना है. अगर किसी वजह से या किन्हीं हालात में प्रेरणा कम होने लगे तो आपको जिस एक चीज की सबसे ज्यादा जरुरत पड़ेगी, वह है अनुशासन."
सीनियर रेडिएशन आंकोलॉजिस्ट डॉक्टर गगन सैनी ने कहा, "उपवास शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा इंसुलिन के असर से बचाता है. यह जरूरी है क्योंकि बार-बार कुछ खाते रहने से कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनहीन हो जाती हैं, जिससे ज्यादा इंसुलिन बनता है और तेजी से उम्र बढ़ने लगती है. उपवास आपके शरीर के लिए लाभदायक है."