श्रीजा अकुला : पेरिस ओलंपिक्स में टेबल टेनिस के लिए भारत का स्मैश हिट

पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहीं श्रीजा जानती हैं कि बहुत कुछ दांव पर है

श्रीजा अकुला, 25 वर्ष
श्रीजा अकुला, 25 वर्ष

श्रीजा अकुला, 25 वर्ष

खेल: टेबल टेनिस (व्यक्तिगत और महिला टीम)

उपलब्धि: जून में लागोस में वर्ल्ड टेबल टेनिस कंटेंडर एकल खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं

कैसे क्वालिफाइ किया: व्यक्तिगत और टीम की वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर

हैदराबाद में कई हैरतअंगेज चीजें हैं. उनमें से एक है चारमीनार. दुनियाभर में मशहूर इस स्मारक का नाम इसकी चार मीनारों के कारण पड़ा है. यह कहना गलत न होगा कि भारत के पेरिस दल में शामिल चार अद्भुत खिलाड़ी भी चारमीनार वाले इस ऐतिहासिक शहर से हैं. इनमें शामिल हैं, दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पी.वी. सिंधु, विश्व चैंपियन मुक्केबाज निकहत जरीन, शानदार शूटर ईशा सिंह और देश की सर्वोच्च रैंकिंग वाली टेनिस खिलाड़ी (वर्ल्ड रैकिंग 25) श्रीजा अकुला. आखिर, इस शहर की आबोहवा में ऐसा क्या है जो ऐसी खेल प्रतिभाओं को निखारने में कारगर है? श्रीजा इसका श्रेय अपनी कई अकादमियों को देती हैं, जिनमें पिछले 14 साल से उनके कोच सोमनाथ घोष की ग्लोबल टेबल टेनिस अकादमी भी शामिल है. नेशनल कैंप के लिए जर्मनी और फिर वहीं से पेरिस निकल जाने से पूर्व अपने शहर में आखिरी दिन श्रीजा ने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी राहत की बात है कि इस बेहद अहम सफर में घोष उनके साथ होंगे. वे कहती हैं, "उनकी मौजूदगी में मेरा आत्मविश्वास एक अलग ही स्तर पर होता है. हमारे बीच अच्छी बॉन्डिंग हैं. वे एक बड़े भाई की तरह हैं. उनके बिना इस मुकाम तक नहीं पहुंच सकती थी."

श्रीजा ने सही समय पर करियर में नई ऊंचाइयों को छुआ. उन्होंने 2024 की शुरुआत जीत के साथ की. टेक्सास में डब्ल्यूटीटी फीडर कॉर्पस क्रिस्टी एकल खिताब जीता, फिर बेरुत में एक और खिताब अपने नाम किया. जून में एक और बड़ी सफलता मिली जब वे लागोस में डब्ल्यूटीटी कंटेंडर एकल खिताब जीतने वाली पहली भारतीय टेबिल टेनिस खिलाड़ी बनीं. उन्होंने पेरिस की उनकी साथी खिलाड़ी अर्चना कामथ के साथ मिलकर युगल खिताब भी जीता. श्रीजा कहती हैं, "ओलंपिक से ठीक पहले यह जीत आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है. मुझे पेरिस में भी यह फॉर्म बरकरार रखनी है."

पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहीं श्रीजा जानती हैं कि बहुत कुछ दांव पर है. "हर कोई मुझसे कह रहा है कि वहां एक अलग तरह का दबाव होगा जिसका मैंने पहले कभी अनुभव नहीं किया. पर मुझे लगता है कि मैं इसके लिए अच्छी तरह तैयार हूं. मैं अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ कुछ बड़े उलटफेर करना चाहती हूं." वैसे, इस साल बड़े उलटफेर के तौर पर गिनाने के लिए उनके पास से पहले से ही एक बड़ी उपलब्धि है. वर्ल्ड टीम चैंपियनशिप में उन्होंने उस समय दुनिया में दूसरे नंबर की चीनी खिलाड़ी पैडलर वांग यिदी को हराया ही था.

वे कहती हैं, "पहले आम धारणा थी कि चीन के खिलाफ जीत हासिल करना असंभव है. लेकिन अन्य देश तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. उन्हें लगता है कि अब कुछ भी नामुमकिन नहीं." श्रीजा अपने अटैकिंग गेम को फाइन-ट्यून करती आई हैं, अपने फोरहैंड पर काम कर रही हैं और टॉपस्पिन का बेहतरीन इस्तेमाल कर रही हैं. नतीजा पेरिस में दिखेगा.

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