क्या पर्यटन मंत्रालय को उद्योग का दर्जा दिला पाएंगे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत?
रिकॉर्ड संख्या में विदेशी पर्यटकों के पहुंचने के बावजूद कम बजट आवंटन ने पर्यटन के क्षेत्र को पंगु बनाया हुआ है. स्टेकहोल्डर्स लंबे समय से इसे उद्योग का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. क्या केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उनकी मांग को पूरी कर पाएंगे

भारत ने कोविड-19 की छाया से उबरकर 2023 में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 64 फीसद का इजाफा दर्ज किया. यह पर्यटन को बढ़ावा देने और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कई सरकारी पहलकदमियों की बदौलत हुआ. अलबत्ता, भारत अभी भी दुनिया भर में सबसे ज्यादा पर्यटक आकर्षित करने वाले यूरोपीय, अमेरिकी और यहां तक कि पूर्वी एशियाई देशों से पीछे है.
वर्ल्ड ट्रैवल ऐंड टूरिज्म काउंसिल का अनुमान है कि यह क्षेत्र 2033 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद में 155 खरब डॉलर का योगदान देगा, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था का 11.6 प्रतिशत है और लगभग 12 फीसद आबादी को रोजगार देता है. पर्यटन मंत्रालय को इसमें भारत को अपना हिस्सा लेने में मदद करनी चाहिए.
संस्कृति मंत्रालय त्योहारों, संग्रहालयों और ऐतिहासिक स्मारकों के जरिए भारत की विशाल विविधता को प्रदर्शित करके पर्यटकों को आकर्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन हमेशा से होने वाले कम बजट आवंटन ने इसे पंगु करके रखा है.
क्या किया जाना चाहिए
एकल खिड़की मंजूरी
स्टेकहोल्डर्स लंबे समय से पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय के साथ-साथ तेजी से मंजूरी और लाइसेंस के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस से मदद मिलेगी
राष्ट्रीय नीति
भारत को एक राष्ट्रीय पर्यटन नीति की जरूरत है, जिससे यह क्षेत्र राष्ट्रीय प्राथमिकता बन सके. इसे केंद्र-राज्य तालमेल के लिए राज्य सूची से समवर्ती सूची में भी लाया जाना चाहिए
नए बाजारों को निशाने पर लें
अतुल्य भारत अभियान में फौरन बदलाव की जरूरत है. इसमें भारत के लिए 10 उभरते बाजारों के अलावा 20 प्रमुख सोर्स मार्केट्स में पर्यटन को बढ़ावा देने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. इसे हासिल करने के लिए विदेशी पर्यटन संवर्धन कार्यालयों को फिर से खोला जाना चाहिए
गजेंद्र सिंह शेखावत, 56 वर्ष भाजपा, पर्यटन; संस्कृति मंत्री
> हरफनमौला राजस्थान के जोधपुर से तीसरी बार सांसद बने शेखावत का जन्म जैसलमेर में एक सरकारी अधिकारी पिता के घर हुआ था. एबीवीपी के सदस्य रहे शेखावत 1992 में अपने विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर बास्केटबॉल भी खेला
> बड़ी जीत शेखावत ने 2014 में जोधपुर में रिकॉर्ड अंतर (4,10,000 से अधिक वोट) से जीत हासिल की. मोदी के पहले कार्यकाल में राज्यमंत्री के रूप में काम करने के बाद उन्हें 2019 में जल शक्ति—हर घर जल के लिए नोडल मंत्रालय—का कैबिनेट मंत्री बनाया गया, शायद तत्कालीन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे के मुकाबले उनकी जीत के सम्मान में
सुरेश गोपी, 65 वर्ष भाजपा
> शानदार शुरुआत
अभिनेता से नेता बने गोपी केरल से भाजपा के पहले लोकसभा सांसद हैं. त्रिचूर से चुने गए गोपी पहले राज्यसभा के मनोनीत सांसद (2016-22) थे
राव इंद्रजीत सिंह, 74 वर्ष भाजपा
> अनुभवी नेता
छह बार सांसद रहे शाही वंश के राव गुड़गांव का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्हें योजना और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालयों का स्वतंत्र प्रभार भी दिया गया है