गृहमंत्री अमित शाह के सामने घर की आग बुझाने की चुनौती

मणिपुर हिंसा के घाव हरे हैं और वामपंथी उग्रवाद भले ही देश के दूरदराज के कुछ इलाकों तक सिमटकर रह गया हो लेकिन इसे जड़ से मिटाया नहीं सका है

अमित शाह, गृह मंत्री
अमित शाह, गृह मंत्री

जम्मू के रियासी में आतंकवादी हमले और पंजाब में दो कट्टरपंथियों की चुनावी जीत के साथ उनकी बढ़ती पैठ के मद्देनजर यही कहा सकता है कि भारत अभी आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाया है. मणिपुर हिंसा के घाव हरे हैं और वामपंथी उग्रवाद भले ही देश के दूरदराज के कुछ इलाकों तक सिमटकर रह गया हो लेकिन इसे जड़ से मिटाया नहीं सका है.

ञ़ये ऐसी चुनौतियां हैं जिन पर गृह मंत्री और उनकी टीम को खास ध्यान देना होगा. इसके अलावा, पिछले कार्यकाल के कई काम अधूरे पड़े हैं. मसलन, यूसीसी, सीएए और एनआरसी को लागू करना. अब यह बात अलग है कि गठबंधन धर्म के कारण उन्हें ठंडे बस्ते में न डालना पड़ जाए.

भारतीय न्याय संहिता सहित नए कानून लागू करना भी प्राथमिकता में शुमार होगा, जो आइपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. फिर राष्ट्रीय जनगणना कराने की चुनौती भी सामने है, जिसमें पहले ही तीन साल की देरी हो चुकी है. महिला आरक्षण एक और ऐसा वादा है जो अभी पूरा नहीं हुआ है. कुल मिलाकर, गृह मंत्री के मौजूदा कार्यकाल के लिए एक लंबी फेहरिस्त सामने है. 

क्या किया जाना चाहिए 

  • सीमा सुरक्षा - चीन और पाकिस्तान के साथ लगती संवेदनशील सीमाओं के मद्देनजर सीमाओं पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है, चाहे इसके लिए बाड़बंदी हो या फिर ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक बाड़ जैसी उन्नत निगरानी तकनीक का इस्तेमाल किया जाए.
     
  • वामपंथी उग्रवाद - दीर्घकालिक शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए सुरक्षा अभियानों के साथ-साथ विकासात्मक पहलों के जरिए वामपंथी उग्रवाद से निपटने के प्रयासों में तेजी लानी होगी
     
  • कश्मीर में चुनाव और मणिपुर में शांति बहाली - अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर को एक केंद्र शासित क्षेत्र का दर्जा दे देने से यह राज्य ऊहापोह में फंसकर रह गया है. और खासकर आतंकी फिर शुरू हुए आतंकी हमलों को देखते हुए यहां जल्द विधानसभा चुनाव कराने जरूरी हैं. इसी तरह से केंद्र को मणिपुर मसले का हल तलाशना होगा, इससे पहले कि यह नासूर बन जाए.
  • साइबर सुरक्षा - देश को न केवल बढ़ते साइबर खतरों और हमलों से बचाने की जरूरत है, बल्कि व्यक्तिगत और राष्ट्रीय डेटा की सुरक्षा के लिए मजबूत डेटा सुरक्षा कानूनों की भी दरकार है. इसके अलावा फर्जी खबरों से निबटना भी किसी चुनौती से कम नहीं है

किनके सर है जिम्मेदारी?

अमित शाह, 64 वर्षः भाजपा, गृह मंत्री

  • गुजराती हिंदू - बनिया परिवार में शाह का जन्म मुंबई में हुआ. स्कूली शिक्षा मेहसाणा में ली और अहमदाबाद से बायोकेमिस्ट्री में बीएससी की डिग्री हासिल की.
     
  • राजनैतिक जीवन - करियर की शुरुआत आरएसएस से की और वहीं उनका मोदी के साथ अटूट रिश्ता कायम हुआ. चार बार सरखेज से विधायक (1995-2007) रहे शाह ने 2008 में नारणपुरा से चुनाव जीता. इसके बाद 2014 में मोदी के साथ केंद्र की सियासत में सक्रिय हो गए.
     
  • मौजूदा भूमिका - चुनावी राजनीति से ब्रेक लेकर शाह ने 2014 में भाजपा की कमान संभाली, और इसे सबसे बड़ी पार्टी में तब्दील करने में अहम भूमिका निभाई. 2019 में गांधीनगर से चुनाव जीत संसद पहुंचे और मोदी 2.0 में गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली. इस बार भी वे इसी भूमिका में हैं.

राज्यमंत्री

नित्यानंद राय, 58 वर्षः भाजपा 

  • शाह के आदमी - नित्यानंद उजियारपुर से सांसद और बिहार में भाजपा का यादव चेहरा हैं. अरसे से वे शाह के विश्वासपात्र हैं. शायद इसी वजह से उनकी पिछली मोदी सरकार में एक कार्यकाल के बाद दोबारा वापसी हुई है.

बंडी संजय कुमार, 53 वर्षः भाजपा 

  • तेलंगाना के कद्दावर - हिंदुत्व के झंडाबरदार संजय कुमार करीमनगर से सांसद हैं तथा उन्हें शाह के मंत्रालय में जगह मिली है. वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं.

सहकारिता

सहयोग की भावना

यह मंत्रालय 2021 में ही अस्तित्व में आया था, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर की इकाइयों यानी प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) की क्षमताओं का दोहन करना और उन्हें बहुउद्देशीय संगठनों में बदलना है. मकसद यही कि इनके माध्यम से कृषि क्षेत्र की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.

क्या किया जाना चाहिए 

  • 2023-24 में लॉन्च पीएसीएस डिजिटलीकरण परियोजना में तेजी लाई जाए जिसमें 63,000 सक्रिय पीएसीएस और व्यापक क्षेत्र वाली बहुउद्देशीय समितियों यानी एलएएमपीएस का कंप्यूटरीकरण शामिल है.
     
  • सभी राज्यों को पीएसीएस के लिए मॉडल उपनियम अपनाने को प्रोत्साहित करें. इससे आय के स्रोत बढ़ाने और नए रोजगार के अवसर पैदा करने में काफी मदद मिल सकती है.
     
  • किसानों को पीएसीएस के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए. वे इनपुट, फार्म गेट इन्फ्रास्ट्रक्चर साझा करने और खरीद विकेंद्रीकरण के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं.

अमित शाह
सहकारिता मंत्री

राज्यमंत्री

कृष्णपाल, 67 वर्षः भाजपा 
फरीदाबाद से तीसरी बार 
भाजपा सांसद

मुरलीधर मोहोल, 49 वर्षः भाजपा 
भाजपा सांसद, पुणे. नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री भी.

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