नई सोच और नए विचार
दूसरी बार वर्चुअल आयोजित इंडिया टुडे ई-माइंड रॉक्स 2021 में जीवन के हर क्षेत्र की मशहूर शख्सियतों और वक्ताओं ने गुजरे साल के अनुभव साझा किए और अपने विचार व्यक्त किए कि महामारी के बाद नए हालात में कैसे आगे बढ़ा जाए

''कोविड का अनुभव मेरे लिए निजी था. मेरी मां और मैं बीमार पड़ गए और मैंने जाना कि महामारी कितनी कठिनाई लेकर आ सकती है...मुझे अपनी जिन मुश्किलों का एहसास हुआ, उसी ने मुझे राहत कार्य शुरू करने को प्रेरित किया और मुझे लगा कि उससे मुझे जल्दी ठीक होने में मदद मिली''
भूमि पेडणेकर, अभिनेत्री
''मुझे विभिन्न क्षेत्रों से प्रेरणा मिलती है. मैं खुद को सिर्फ कलाकार होने तक ही सीमित नहीं रखता. मैं बहुत सारी चीजों संगीत, राजनीति वगैरह से प्रभाव ग्रहण करता हूं''
राहुल वैद्य, गायक और संगीतकार
''मैंने पिछले दस साल में 16 फिल्मों में काम किया, लेकिन मैंने अपनी दिमागी और शारीरिक सेहत को उतना समय नहीं दिया, जितना देना चाहिए था. आगे मैं अपना यह रवैया बदलना चाहूंगा''
अर्जुन कपूर, अभिनेता
''मलयालम फिल्मों में काम करने का यह अच्छा और दिलचस्प वक्त है. यहां दर्शक आपके काम की गुणवत्ता की सराहना करते हैं और प्रयोगधर्मिता को हमेशा बेहतर मानते हैं''
रोशन मैथ्यू, अभिनेता
''ज्यादातर एथलीट मध्यम वर्गीय परिवारों से आते हैं, जो खेल का खर्च नहीं उठा सकते. हम कड़ी मेहनत भर कर सकते हैं. लेकिन काफी सुधार हुआ है.
स्टेडियम अधिक बने हैं और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं''
नीरज चोपड़ा,एथलीट, ओलंपिक स्वर्ण विजेता
''मैं अब खुद को बाहरी नहीं कहती हूं. मैं फिल्म उद्योग का बाकायदा हिस्सा हूं. मैंने अपने लिए खुद से मुकम्मल जगह बना ली है. मैं अब यहां सुकून और बेहतर महसूस करती हूं''
कृति सैनन, अभिनेत्री
''महामारी की वजह से यकीनन पढ़ाई-लिखाई के नए तौर-तरीकों की राह खुली और हमारा ध्यान इस ओर गया कि हम आज कहां खड़े हैं और भविष्य में हम किस ओर जाना चाहते हैं''
धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा मंत्री
''इससे कतई कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन-सा खेल खेल रहे हैं—चाहे बैटलग्राउंड हो या फीफा वगैरह. आपकी शख्सियत में आकर्षण होना चाहिए और खेलना आना चाहिए''
आदित्य डी. सावंत (डायनामो), गेमर, स्ट्रीमर और कंटेंट क्रिएटर
''गेमिंग 2022 एशियन गेम्स का हिस्सा बनने जा रहा है. हम ऐसे सफर पर निकल चुके हैं, जहां काफी गहमागहमी होगी''
विनीत कार्णिक, दक्षिण एशिया प्रमुख, स्पोर्ट्स, ई-स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट, ग्रुपएम
''मेरी राय में जब आप कुछ असरदार करते हैं तो पैसा बरसता है. हमेशा कुछ नया करने की कोशिशों का हिस्सा बनिए और कुछ ऐसा बनाइए, जो लंबे समय तक टिकाऊ हो''
सुजीत कुमार, संस्थापक, उड़ान
''मैं रेडियो से बाहर निकलने को बुरी तरह छटपटा रही थी...इस तरह मेरे लिए यूट्यूब का दरवाजा खुला, क्योंकि मेरे पास कोई विकल्प नहीं था, लेकिन मैं सोचती हूं कि यह उम्दा फैसला था''
प्राजक्ता कोली, यूट्यूबर और अभिनेत्री
''बतौर अभिनेता, मैं सेल्फ सेंसरशिप यानी आत्म संयम में यकीन रखता हूं. मेरा काम बतौर अभिनेता अपनी भूमिका, अपने दृश्यों पर ध्यान रखना है, न कि पूरे शो पर''
पंकज त्रिपाठी, अभिनेता
''हमारे पाठ्यक्रम और इतिहास के पाठ में बदलाव की जरूरत है; हम जैसे विज्ञान पढ़ाते हैं, उसे बदलने की जरूरत है. हमें पश्चिमी परंपराओं को पढ़ाने से पहले अपनी खुद की परंपराओं को पढ़ाने की जरूरत है''
अमीष त्रिपाठी, लेखक
''यूट्यूब इंस्टाग्राम से काफी अलग किस्म का खेल है. मैंने महामारी के दौरान अपनी राह बदली. जिस तरह मैं अपने कंटेंट और चैनल को देखता हूं, उसमें भी बदलाव आ गया है''
कैरी मिनाटी, यूट्यूबर