क्रेडिट कार्ड-भुगतान में रखें सावधानी
ईएमआइ में परिवर्तित करवाने का फैसला लेते समय केवल कम ब्याज दर पर ध्यान न देकर प्रोसेसिंग शुल्क पर भी ध्यान दें. छोटी अवधि के ऋणों में कुल भुगतान में प्रोसेसिंग शुल्क की बड़ी भूमिका होती है.

क्रेडिट कार्ड कंपनियों ने कार्ड पर ऊंची खर्च सीमा रख कर लोगों को महंगी खरीदारी करने के लिए आकर्षित किया है. अक्सर इनका पूरा भुगतान निर्धारित समय तक नहीं हो पाता और क्रेडिट कार्डधारकों को या तो चक्रीय ऋण लेना पड़ता है या शेष राशि को ईएमआइ में बदलवाना होता है. अगर आप शेष राशि को अगली निर्धारित तिथि तक खत्म करने की स्थिति में हैं तो चक्रीय ऋण में बुराई नहीं है, अगर निकट भविष्य में इस शेष राशि का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं तो इसे ईएमआइ में परिवर्तित करवाना ही बेहतर है. क्यूबेरा.कॉम के संस्थापक और सीईओ आदित्य कुमार बताते हैं, ''तकनीकी रूप से कार्ड पर बकाए को (केवल उस बड़ी खरीद विशेष की राशि नहीं) ईएमआइ में बदलवाया जा सकता है. ऐसे में बैंक परिवर्तित शेष पर निश्चित दर से ब्याज लगाते हैं.''
न्यूनतम देय का भुगतान करके चक्रीय ऋण का उपयोग करने से तुलना करें तो उसमें ब्याज की राशि बढ़ती जाती है और ईएमआइ में बदलवाने का विकल्प इसकी तुलना में काफी सस्ता पड़ता है. इंडियालेंड्स के संस्थापक और मुक्चय अधिशासी गौरव चोपड़ा कहते हैं, ''ईएमआइ में बदलवाने पर तीन कारक ऋण पर ब्याज की दर को प्रभावित करते हैं: (अ) ऋण प्राप्त कर्ता की क्रेडिट प्रोफाइल (ब) ऋण की अवधि और (स) बैंक की आंतरिक नीतियां. सामान्यत: क्रेडिट कार्ड से लेनदेन के बाद ईएमआइ में परिवर्तित कराए गए इन ऋणों पर 14 से 21 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज लिया जाता है जबकि क्रेडिट कार्ड पर लगभग 42 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज देना होता है.
लेकिन ईएमआइ में परिवर्तन के विकल्प सभी मामलों में एक जैसे नहीं होते और उनकी कुल लागत में काफी अंतर होता है. अगर आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग अक्सर बड़ी खरीदों के लिए करते हैं तो बेहतर होगा कि आप न चुकाए जा सके बकायों को ईएमआइ में बदलवाने की लागतों पर भी ध्यान दें. ईएमआइ में परिवर्तित करवाने का फैसला लेते समय केवल कम ब्याज दर पर ध्यान न देकर प्रोसेसिंग शुल्क पर भी ध्यान दें. छोटी अवधि के ऋणों में कुल भुगतान में प्रोसेसिंग शुल्क की बड़ी भूमिका होती है.
मनी टैप के सह-संस्थापक तथा मुख्य परिचालन अधिकारी अनुज कक्कड़ कहते हैं, ''आपको ईएमआइ पर ब्याज के साथ ही 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी और प्रोसेसिंग शुल्क का भुगतान करना होता है. इस तरह से परिवर्तित ऋणों को निर्धारित समय से पहले चुकाने की स्थिति में आपको अतिरिक्त शुल्कों और जीएसटी का भुगतान करना होता है.'' ऐसा भी हो सकता है कि कम ब्याज दर दिखा रहे किसी क्रेडिट कार्ड पर आपको दूसरे से ज्यादा प्रोसेसिंग शुल्क देना पड़ रहा हो (ग्राफिक देखें).
ज्यादातर क्रेडिट कार्ड तीन से 24 महीनों में भुगतान का विकल्प देते हैं. लेकिन, उनकी ब्याज दर समान नहीं होती. कक्कड़ कहते हैं, ''जितनी बड़ी अवधि होगी, ब्याज दर भी उतनी ही अधिक होगी.'' अलग-अलग कार्ड अलग-अलग ग्राहकों को बिल्कुल अलग ब्याज दरों का प्रस्ताव कर सकते हैं. बेहतर यही है कि आप ईएमआइ में परिवर्तन के विकल्पों का पता करें और उन पर आने वाली कुल लागत की तुलना करें.
— नवीन कुमार
छोटी अवधि के ऋणों में आपके कुल भुगतान में प्रोसेसिंग शुल्क की अहम भूमिका होती है