फुरसतः पूरब के प्रदेशों की उड़ान
अरुणाचल का द्वार मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अरुणाचल का सबसे पुराना शहर माने जाने वाले पासीघाट में पहली व्यावसायिक उड़ान का शुभारंभ किया.

भले ही सिक्किम देश में सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक हो लेकिन यहां का प्रशासन अपनी इस पहचान से बहुत परेशान है कि उसे "अकेला ऐसा प्रदेश कहा जाता है जहां कोई चालू एयरपोर्ट नहीं है.'' निकटतम नागरिक हवाईपट्टी बागडोगरा थी, जो सड़क के रास्ते गंगतोक से चार घंटे की दूरी पर है—अगर हेलिकॉप्टर की महंगी सेवा का विकल्प नहीं अपनाया जाता है.
लेकिन इस महीने राजधानी से करीब 35 किमी दूर पाकयांग में 4,500 फुट की ऊंचाई पर बनाए गए एयरपोर्ट के शुभारंभ के बाद यह सब बदल जाएगा. इस एयरपोर्ट पर कोलकाता से स्पेसजेट की विमान सेवाएं चालू की जाएंगी.
इसके उद्घाटन की तैयारी से पहले पाकयांग को "भारत का 100वां सेवारत एयरपोर्ट, बताया गया था. लेकिन अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मात्र तीन सप्ताह पहले 22 मई को अपने प्रदेश के पहले नागरिक एयरपोर्ट पासीघाट पर एक व्यावसायिक फ्लाइट का उद्घाटन करके यह अवसर हाथ से छीन लिया.
अब एलायंस एयर गुवाहाटी और कोलकाता के रास्ते प्रदेश को जोड़ेगी. उद्घाटन के कुछ ही देर बाद फ्लाइट ने यहां से कोलकाता के लिए उड़ान भी भर ली. सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश अब तक किसी नागरिक एयरपोर्ट से वंचित कैसे रहे.
अच्छा सवाल, जवाबः अरुणाचल में पासीघाट समेत पहले से ही कई चालू हवाई पट्टियां थीं लेकिन अब तक उन पर समयबद्ध नागरिक उड़ान सेवाएं नहीं थीं.
पासीघाट की हवाईपट्टी 66 साल पुरानी है. पूर्वोत्तर में पहले केवल असम वायुसेवा से बेहतर तरीके से जुड़ा राज्य था. गुवाहाटी के बाद इंफाल और अगरतला पूर्वोतर के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट माने जाते हैं.
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