"मेरी पसंदीदा पटकथा भविष्य में छिपी हैं, जिन्हें अभी लिखना है"
वरिष्ठ गीतकार जावेद अख्तर को SOA साहित्य सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया है. इससे पहले इंडिया टुडे से उन्होंने भारतीय सिनेमा और साहित्य में अपने एक लंबे अरसे के योगदान पर बात की

सवाल +जवाब
● आपको इस वर्ष शिक्षा 'ओ’ अनुसंधान (एसओए) साहित्य सम्मान के लिए चुने जाने पर कैसा महसूस हो रहा?
हमें उस काम के लिए पुरस्कार मिल रहा है जो हमसे अलग हो गया है. यह कुछ इसी तरह है जैसे अपने बच्चे के लिए अभिभावक को पुरस्कार मिले. एक बार कोई अपना बौद्धिक कार्य पूरा कर ले तो वह फिर उस तक सिमटा नहीं रह जाता. वह काम अपनी पहचान बना लेता है, और आपका नहीं रह जाता. समाज जब तक उसे सराहता है, तब तक आप एक अलग व्यक्ति बन चुके होते हैं. इसलिए, इस पर पूरी तरह दावेदारी उचित नहीं है.
● कवि, गीतकार, पटकथा लेखक, राजनैतिक कार्यकर्ता, आप कई भूमिकाएं निभाते हैं. कौन-सी भूमिका आपके दिल के सबसे करीब है?
हर व्यक्ति अपने जीवन में कई भूमिकाएं निभाता है. मिसाल के तौर पर कोई भी शख्स एक प्रोफेशनल होने के साथ ही एक बेटी, पत्नी, मां, दोस्त, पड़ोसी और एक खास समाज का सदस्य हो सकता है. विभिन्न पहचानों से जुड़कर ही एक व्यक्ति का उस तरह निर्माण होता है जो वह होता है. कोई कैसे तय कर सकता है कि वह किस भूमिका से सबसे ज्यादा जुड़ाव महसूस करता है?
● आपके परिवार की वंशावली लेखकों की सात पीढ़ियों तक जाती है. हमें ऐसे अनुभवों के बारे में कुछ बताएं जिन्होंने बचपन में आपको सबसे ज्यादा प्रभावित किया.
अगर आप किसी एक से प्रभावित हैं तो आप साहित्यिक चोरी करने वाले हैं. अगर आप दस से प्रभावित हैं, तो आप एक शोध छात्र हैं. शुक्र है कि मैं अपने परिवार के कई लोगों से प्रभावित हूं और ये सभी प्रभाव मिलकर मेरे लेखन को आकार देते हैं.
● आप इंडस्ट्री में 50 साल से ज्यादा वक्त बिता चुके हैं. आपकी कुछ पसंदीदा फिल्में कौन-सी हैं जिनकी पटकथाओं पर आपने काम किया है?
कोई नहीं. मैं अपनी पुरानी फिल्में नहीं देखता. मेरी पसंदीदा पटकथाएं भविष्य में छिपी हैं, जिन्हें मुझे अभी लिखना है.
—नेहा कृपाल.