"नेशनल अवॉर्ड जीतना आखिरी मंजिल नहीं, नई शुरुआत है"
एक्ट्रेस रानी मुखर्जी देर से नेशनल अवॉर्ड मिलने, निजता में जीवन जीने और आगे के सपनों के बारे में.

● तीस साल फिल्मों में काम के बाद अब आपको पहला नेशनल अवॉर्ड मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे के लिए मिला. बहुत-से लोग मानते हैं कि ब्लैक के लिए मिलना चाहिए था.
जब ब्लैक के लिए अवॉर्ड नहीं मिला तो मैंने खुद से कहा था कि ठीक है, कभी-कभी आप अपना सबसे अच्छा काम भी कर लो तो भी किस्मत आपके साथ नहीं होती. तब मैंने सोचा, मायूस नहीं होने का, मेहनत करते रहो, हो सकता है और अच्छा करना पड़े. और मैं करती रही. मैं हमेशा श्रद्धा और सबूरी (सब्र) में यकीन रखती हूं. मेहनत करना, अपने काम में बेस्ट देना और अपने फैन्स को कभी निराश न करना, यही मेरा मंत्र रहा है.
● क्या आप इस अवॉर्ड को अपने पूरे काम का नतीजा मानती हैं?
मैं इसे एक मंजिल नहीं बल्कि शुरुआत मानना चाहूंगी. मैं इसे फुलस्टॉप की तरह नहीं देखना चाहती क्योंकि अभी बहुत कुछ करना है, और भी नेशनल अवॉर्ड जीतने हैं. शायद यह तो बस शुरुआत है.
● नेशनल अवॉर्ड्स के समारोह वाली आपकी और शाहरुख खान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं. लेकिन आप इंस्टाग्राम पर नहीं हैं?
यह बहुत खास लगा कि मैं और शाहरुख एक ही साल में जीते. इससे खुशी और बढ़ गई. सोशल मीडिया पर न आने का चुनाव मेरा अपना है. मेरे हस्बैंड (फिल्मकार आदित्य चोपड़ा) पब्लिक में नहीं आना चाहते. अगर मैं इंस्टाग्राम पर होती तो फैन्स मुझसे पूछते, ''आपके हस्बैंड की तस्वीर कहां है?’’ मैं नहीं कहना चाहती थी कि वे मिस्टर इंडिया हैं. मैंने अपनी बेटी को भी पब्लिक में नहीं रखा है. मैं चाहती हूं, जब तक हो सके उसे उससे बचाए रखूं.
● यह बड़ी दिलचस्प बात है कि आदित्य चोपड़ा ने आपको कभी डायरेक्ट नहीं किया. ऐसा कब होगा?
हां, आदित्य ने मुझे कभी डायरेक्ट नहीं किया. कभी किया भी तो उनकी बात चलेगी और मैं यह कभी नहीं चाहूंगी. एक बंगाली औरत होने के नाते, कभी नहीं. मैं मानती हूं कि मेरी और आदि की जिंदगी में मैं ही जहाज की कप्तान हूं.