'AMMA चुनाव जीतने पर मुझे कभी नहीं लगा कि मैं इतिहास रचने जा रही हूं'

मलयालम अभिनेत्री श्वेता मेनन एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी ऐक्टर्स (AMMA) की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गई हैं. पढ़िए अपनी ऐतिहासिक जीत पर उन्होंने क्या कहा है

Q+A 
मलयालम अभिनेत्री श्वेता मेनन

सवाल+जवाब

 एक पुरुष प्रधान परंपरा को तोड़कर इस पद पर पहुंचने का निजी तौर पर आपके लिए क्या अर्थ है?

नामांकन दाखिल करते वक्त मैंने कई पहलुओं पर सोचा लेकिन यह पहलू उस वक्त ख्याल में नहीं आया. कभी मुझे लगा ही नहीं कि जीतने पर मैं कोई इतिहास रचने जा रही हूं. ऐक्टिंग बिरादरी के लोगों से मुझे खासा प्यार मिल रहा है पर साथ ही मुझे पता है कि यह कितनी बड़ी जिम्मेदारी है और मुझे क्या-क्या चीजें करनी हैं.

 आपने डेडलाइन से चंद मिनट पहले जाकर पर्चा भरा. आखिर क्या सोचकर आपने इस मैदान में कूदने का मन बनाया?

जी हां! डेडलाइन शाम चार बजे की थी और मैंने 3.53 बजे पर्चा दाखिल किया. पर कई वजहों से मैं उसके बाद भी ऊहापोह में थी कि क्या मैं सचमुच अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहती हूं. इसको लेकर परिवार वालों से कई बार बातचीत हुई. मेरे पति और बेटी दोनों ने इसके लिए मेरा खूब हौसला बढ़ाया. पर इसे मैं सबसे ज्यादा अपनी बिरादरी के लिए कुछ अच्छा करके उसका कर्ज उतारने के मौके के रूप में देखती हूं. 

 आपके नामांकन दाखिल करने के दौरान आपके चरित्र पर लांछन भी लगाए गए. 'अश्लील’ फिल्मों में काम करने के आरोप में आप पर प्राथमिकी भी दर्ज करवा दी गई. कैसे निबटीं आप इस सबसे?
उसने तो सचमुच मुझे परेशान ही कर दिया था. पर वैसे पता था कि मुझे इस तरह से निशाना बनाया जाएगा. आप देखिए न, कोई जब भी कुछ लीक से हटकर करना चाहता है तो फौरन बहुत-से लोग उसकी टांग खींचने में जुट जाते हैं.

 एएमएमए में वे कौन-से पहलू हैं जिन पर आप अपना ध्यान केंद्रित करना चाहेंगी?

अभी तो मैं यही समझने की कोशिश कर रही हूं कि हमारे 504 सदस्यों की आखिर समस्याएं क्या-क्या हैं. दो ऐसी चीजें हैं जिन्हें एएमएमए सालों से करता आ रहा है और मैं यह पक्का करना चाहती हूं कि वे दोनों चीजें चलती रहें. पहला तो है कैनेत्तम यानी बहुत-से सदस्यों को दिया जाने वाला मानदेय. और दूसरा है कलाकारों को एक निश्चित उम्र के बाद 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना.

—करिश्मा उपाध्याय

 

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