"अच्छा लगता है कि स्क्वैश राष्ट्रीय स्तर पर इतना आगे निकल आया है"
नेशनल डबल्स चैंपियनशिप में 38 वर्षीया स्क्वैश चैंपियन जोशना चिनप्पा की जीत ने साबित किया कि वे अब भी शानदार फॉर्म में. उन्होंने अपनी इस जीत, खेल और अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों के बारे में इंडिया टुडे से बातचीत की. संपादित अंश:

● अनाहत सिंह के साथ मिलकर हाल में आपने नेशनल डबल्स चैंपियनशिप में विमेंस फाइनल जीता. इस जोड़ी के रूप में आपकी कोई लंबी योजना है?
अनाहत और मैं डबल्स पर यूं ही बतिया रहे थे और फिर साथ खेलने का फैसला किया. जून में हम मलेशिया में एशियन डबल्स चैंपियनशिप खेल रहे हैं. वह बड़ी सॉलिड प्लेयर है इसलिए डबल्स खेलना आसान और मजेदार हो जाता है.
● उम्र के साथ अपने खेल में किस तरह से बदलाव लाई हैं?
अपने शरीर को मैं बहुत प्यार और सम्मान देती हूं. पिछले तीन दशक में इसने जिस तरह से मेरा साथ दिया है तभी मैं प्रोफेशनली स्क्वैश खेल पाई हूं. किसी गेम के लिए अपनी ट्रेनिंग, फिटनेस और खुराक वगैरह के संदर्भ में तैयारी के लिए मुझे निश्चित रूप से ज्यादा काम करना होता है. मैं बड़ी एहतियात से अपने टूर्नामेंट चुनती हूं जिससे हरेक की तैयारी के लिए मुझे ज्यादा वक्त मिल जाता है.
● आप तीन दशक से स्क्वैश खेल रही हैं. इस दौरान खेल में किस तरह की तब्दीलियां आईं?
गेम अब बेशक शारीरिक रूप से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है. तमाम तरह से इतने खिलाड़ी अब आ गए हैं जो शारीरिक तौर पर आपकी चुनौती को खासा बढ़ा देते हैं. दुनिया भर में और भारत में भी अनेक टूर्नामेंट हो रहे हैं. ऐसे में यह देखकर अच्छा लगता है कि खेल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतना आगे निकल आया है.
● भारतीय खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी?
खिलाड़ियों की एक अच्छी-खासी फसल है जो जूनियर और प्रोफेशनल लेवल पर उम्दा परफॉर्म कर रहे हैं. उनमें से 6-7 को पीएसए टुअर इवेंट्स में लगातार खेलते देखकर बेहद खुशी होती है. मुझे उम्मीद है कि और ज्यादा जूनियर खिलाड़ी प्रोफेशनल सर्किट में उतरेंगे क्योंकि असल टेस्ट वहीं है.
- शैल देसाई.