"मैं एक ही किस्म के रोल में अटकी नहीं रहना चाहती"

अभिनेत्री तृप्ति डिमरी की फिल्मों की झड़ी लगी हुई है. विकी और विद्या का वो वाला वीडियो, भूल भुलैया 3 और धड़क 2 रिलीज को तैयार. हिंदी सिनेमा की वे ताजातरीन स्टार बनीं. पेश है उनसे बातचीत के संपादित अंश

तृप्ति डिमरी, बॉलीवुड अभिनेत्री
तृप्ति डिमरी, बॉलीवुड अभिनेत्री

विद्या के किरदार से आप कितना इत्तेफाक रखती हैं?

वो पूरी तरह से एक अलग ही शख्सियत है. स्क्रीन से परे मैं शर्मीली और रिजर्व नेचर की हूं. विद्या तो पटाखा है. विकी और विद्या... शुरू से आखिर तक कम्माल की कॉमेडी है. मुझे लगता है कॉमेडी सबसे मुश्किल जॉनर है. आपको को-ऐक्टर के साथ ऊर्जा का आदान-प्रदान करना होता है जो सेट पर ही मुमकिन है.

एक वो तृप्ति है जो लैला मजनूं, कला और बुलबुल जैसे स्वतंत्र मिजाज की फिल्मों में दमकी. एक तृप्ति हमने एनीमल में देखी. इनमें से असली कौन है?

दोनों असली हैं. बतौर ऐक्टर खुद को चैलेंज करना और भिन्न-भिन्न किस्म के रोल करते रहना जरूरी है. बुलबुल और कला में मैंने अपना कंफर्ट जोन पा लिया था. जो भी कमर्शियल फिल्में मुझे मिलीं—धर्मा ग्रुप की मेरी पहली फिल्म बैड न्यूज और एनीमल—इन्हीं की वजह से. उनके लिए मैंने महीनों तैयारी की जबकि कमर्शियल फिल्मों में प्रतिक्रिया स्वत:स्फूर्त होती है.

अपनी कामयाबी का श्रेय किसे देती हैं?

आपमें खासा सब्र होना चाहिए और अपने पर यकीन भी. 2016 में शुरुआत के दिनों में मैंने खुद से वादा किया था कि मैं लोगों की चहेती कलाकार बने बगैर शहर (मुंबई) नहीं छोड़ने वाली. पीछे झांकने पर मुझे फख्र होता है. देखिए, भविष्य में जद्दोजहद तो जारी रहेगी पर अब मुझे भरोसा है कि मैं निबट लूंगी.

एनीमल के बाद आपने रोल चुनने की सोच बदली है?

मैं एक ही किस्म के रोल में अटकी नहीं रहना चाहती क्योंकि मुझे पता है मैं बोर हो जाऊंगी. सेट पर जाने पर आपमें एक जोश होना चाहिए और लगना चाहिए कि "देखते हैं आज क्या होता है". यानी आपको कुछ भी पता न हो, आप नर्वस हों. और यह तभी होता है जब आप कुछ नया करते हैं.

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