"मुझे अपने भीतर की हंसी को बाहर लाने में मजा आता है"

स्त्री 2 में विक्की (फिल्म में इसका उच्चारण बिक्की होता है) के रूप में अपनी भूमिका को दोहरा रहे अभिनेता राजकुमार राव इंडिया टुडे से बातचीत में बता रहे हैं कि इन दिनों हॉरर कॉमेडीज का चलन क्यों बढ़ रहा है

राजकुमार राव, फिल्म अभिनेता
राजकुमार राव, फिल्म अभिनेता

दिनेश विजन ने हॉरर कॉमेडी का पूरा एक संसार रचा है, आप उसका निर्णायक हिस्सा हैं. हॉरर कॉमेडी दर्शकों को क्यों इतना लुभा रही है?

ऐसा नहीं कि सारी हॉरर कॉमेडी फिल्में पसंद की जा रही हैं. हम भेड़चाल मानसिकता वाले लोग हैं कि जो सब कर रहे हैं वही कर लो. हॉरर कॉमेडी की सफलता कई चीजों पर निर्भर करती है. इसमें राइटिंग एक बेहद अहम पहलू है. उसी तरह हॉरर और कॉमेडी का एक बढ़िया बैलेंस होना चाहिए. आप उस दुनिया की ऐसी कहानी परोसें जिसमें नयापन हो.

अभिनेताओं पर भी काफी कुछ निर्भर करता है क्योंकि कॉमेडी करना एक उपहार है. आपको या तो यह उपहार मिला हुआ है या फिर नहीं. आपने पूछा कि यह क्यों काम कर रहा है? शायद इसलिए क्योंकि जब आप दो शैलियों को मिलाते हैं तो इसमें दर्शकों के लिए कुछ नया होता है. बैड बॉयज जैसी ऐक्शन कॉमेडी भी हैं, जो बाद में एक फ्रेंचाइज भी बन गई. भारत में इस समय हॉरर कॉमेडी फलफूल रही है.

हॉरर कॉमेडी शैली में अभिनय का अनुभव कैसा रहा है?

मैं इसे बड़े फलक पर देखता हूं. ट्रैजिडी में भी कहीं न कहीं कॉमेडी है. चैपलिन का पूरा करियर उसी पर खड़ा रहा. सड़क पर जाते हुए केले के छिलके पर फिसल जाने वाला एक आदमी इसकी अच्छी मिसाल हो सकता है. फिसलना उसके लिए तो दर्दनाक है लेकिन उसे फिसलते देखना दर्शकों के लिए मजेदार. स्त्री फिल्मों में मेरा काम ट्रैजिक है—भूतों से सामना करते हुए उनसे लड़ता हूं. और मैं बुरी तरह से डरा हुआ हूं. बेशक, यह इस बात पर निर्भर करता है कि एक अभिनेता अपने किरदार को किस तरह आगे लेकर जाता है.

स्त्री2 में हमें अच्छे से पता था कि हमारी सबसे बड़ी पूंजी कॉमेडी है. और मुझे अपने भीतर की हंसी को बाहर लाने में मजा आता है. बिकी का किरदार निभाने में मुझे सच में मजा आया. वह सीधा-सादा, प्यारा-सा लड़का है जो इन चक्करों में फंस जाता है और अंतत: एक विजेता के रूप में सामने आता है. मैंने सेट पर काफी इंप्रूवाइज किया. पहले वाली में इतना नहीं किया था. पता था कि मैं आत्मसंतुष्ट नहीं रह सकता, मुझे अतिरिक्त मेहनत करनी होगी. मैं जमकर इसका मजा लेना चाहता था. एक बार जब आप किसी किरदार को पकड़ लेते हैं, तो आप उसे किसी भी तरह की स्थिति में ढाल सकते हैं.

स्त्री 2 छह साल बाद आई. क्या सभी कलाकारों को फिर से एक साथ लाने में इतना समय लग गया? 

नहीं. मैं, अभिषेक (बनर्जी) और अपार (अपारशक्ति खुराना) स्त्री के बाद से ही अच्छे दोस्त हैं. जब अपने को-ऐक्टर्स के साथ आपकी वैसी केमिस्ट्री बन जाती है जहां आप एक-दूसरे की मदद कर रहे होते हैं, तो उसके साथ-साथ बहुत सारी क्रिया-प्रतिक्रिया चल रही होती है. ऐसे में एक्सप्लोर करना हमेशा मजेदार होता है. 

● कभी-कभी अभिनेताओं को शूटिंग के दौरान पता चलता है कि वे जो कर रहे हैं वह कुछ खास है. क्या स्त्री 2 के दौरान आपको ऐसा महसूस हुआ?

सच कहूं तो पार्ट-1 बनाते वक्त भी हमें नहीं पता था कि यह इतनी कामयाब होगी. हम बस पूरी ईमानदारी से बना रहे थे. हमें पता था कि पार्ट-2 में हमारे ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होगी क्योंकि स्त्री का एक बहुत बड़ा फैन बेस था. हमें यह आभास तो था कि इसे बहुत प्यार मिलने वाला है. लेकिन इतनी बड़ी सफलता मिलेगी, इसकी उम्मीद न थी. यह हमारी कल्पना से परे है. इस प्यार के लिए हम दर्शकों के बहुत आभारी हैं. 

हर अभिनेता एक सफल फ्रेंचाइज का हिस्सा बनकर एक चरित्र के रूप में याद किया जाना चाहता है. आपके लिए बिकी भी एक ऐसा ही चरित्र है. इस किरदार ने आपकी जिंदगी को कितना बदला है?

बिकी ने मुझे बहुत कुछ दिया. स्त्री मेरी पहली बड़ी ब्लॉकबस्टर थी. इसने मेरे करियर को बड़ा पुश दिया. मुझे मौजूं कॉमेडी करने में मजा आता है जहां लोग सोचते हैं कि यह आदमी तो मेरे ही जैसा है. स्त्री 2 के साथ बिकी के पास अब सुपरपावर भी हैं. मैं यह देखने को बेताब हूं कि स्त्री 3 में वह किस तरह का सुपरहीरो बनेगा. मैं एक आम आदमी को सुपरहीरो बनते देखना पसंद करूंगा.

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