अमरिक्का विच अपना मुंडा
कैलिफोर्निया के कोचेल्ला फेस्ट में अपनी कामयाबी से उत्साहित दिलजीत दोसांझ अब मशहूर पंजाबी गायक अमर सिंह चमकीला पर बनीं दो बायोपिक में मसरूफ

अमर सिंह चमकीला पर दो बायोपिक, दोनों में आप हैं. दोनों में अलग क्या है?
पंजाबी में बनी जोड़ी सिनेमाघरों में रिलीज हुई. चमकीला नेटफ्लिक्स के लिए है. दोनों का कैनवस भिन्न है. जोड़ी की ऑडियंस चमकीला को अच्छे से जानती थी. उसमें जोर पंजाबी म्युजिक के सबसे बड़े स्टार की शख्सियत को उभारने पर था. इम्तियाज सर वाले एडैप्टेशन में यह बताने पर जोर है कि चमकीला दरअसल थे कौन. बतौर आर्टिस्ट इससे बड़ा मौका मुझे भला क्या मिलता! महान आर्टिस्ट को श्रद्धांजलि देने के दो मौके.
कोचेल्ला में परफॉर्म करने का कैसा अनुभव रहा?
''पंजाबी आ गए कोचेल्ला ओए!'' यही कहकर मैंने वहां पहले परफॉर्म कर चुके पंजाबी आर्टिस्ट्स को याद किया. उन्हीं की वजह से एक ऐसे शख्स के लिए थोड़ा आसान हो गया जिसके लिए वैसे स्टेज पर अंग्रेजी में बतियाते हुए गाना सहज काम न था. मेरी टीम से किसी ने बताया कि ऐसे प्लेटफॉर्म पर पंजाबी पहली दफा बोली जाएगी. तभी यह बात जेहन में आई कि यह सिर्फ मेरी बात नहीं, यह एक बड़े दायरे की बात है.
आगे आप किन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं?
उन सबके ब्यौरों के बारे में पूछने के बजाए आप अगर दुआ करें तो मुझे ज्यादा खुशी होगी. मैं चीजों को लेकर थोड़ा अंधविश्वासी होने लगा हूं (हंसते हैं). क्रू का मुझे इंतजार है...मैं इस वक्त एक दूसरी ही दुनिया में हूं और इसका मजा ले रहा हूं.
दोनों फिल्मों की जान है म्युजिक, जिसमें आप भी खुलते-खिलते हैं...
जी हां, बिल्कुल. इससे ज्यादा खुशकिस्मती मेरी नहीं हो सकती थी. दोनों प्रोजेक्ट करने में बेहद मजा आया. बतौर कलाकार, गायिकी और अभिनय को निखारने के लिए मैं इससे बेहतर प्लेटफॉर्मों की उम्मीद नहीं कर सकता था. उससे भी अहम बात, चमकीला के दौर को अपने अंदाज में जिंदा करने का मौका मिला.
-आरती कपूर सिंह