बातचीतः मेरा जुनून है प्रतिभाओं की तलाश
गायक कैलाश खेर नई प्रतिभाओं की खोज के अपने प्रकल्प, अपनी गायिकी में प्रयोग और आज के समय में देशभक्ति के सवाल पर.

गायक कैलाश खेर नई प्रतिभाओं की खोज के अपने प्रकल्प, अपनी गायिकी में प्रयोग और आज के समय में देशभक्ति के सवाल पर.
नया टैलेंट सामने लाने वाले आपके नए प्रकल्प नई उड़ान के पीछे आखिर सोच क्या है?
लोग मानते हैं कि नई उड़ान के जरिए नए गायक और नए बैंड को पेश करके मैं अपने लिए चुनौती खड़ी कर रहा हूं. पर सच यह है कि इस मंच से मैं नई प्रतिभाओं को रास्ता दिखा रहा हूं. यह मेरा जुनून है, पागलपन है.
पांच साल हो गए हैं. श्रीकांत सुरफिरा पहला बैंड पेश किया था. रचित अग्रवाल, सुभोजित मिश्र, ईशा सिंह के बाद इस साल जम्मू-कश्मीर से ओवैस अशरफ, रमन सलाथिया और अनन्या शर्मा को खोजकर लाए हैं. ये संगीत का भविष्य हैं.
इस साल क्या और भी कोई प्रकल्प शुरू करने का इरादा है आपका?
जी. यह कैलाश खेर एकेडमी फॉर लर्निंग आर्ट्स की ओर से कलाधाम नाम से ऑनलाइन शुरू होने जा रहा है. इसमें संगीत, गायन, नृत्य, योग, वेदोच्चार और संस्कृत के पाठ्यक्रम हैं. बुजुर्गों के लिए श्लोक के पाठ्यक्रम हैं जिससे वे तनावमुक्त होंगे.
अच्छा अपने गायन को आप किस तरह से देखते हैं?
मैं मनोरंजन के लिए नहीं गाता. मेरे लिए यह प्रार्थना है. मैं तो गाता भी नहीं, महसूस करता हूं. गाते तो परमात्मा हैं, मैं देखता हूं. मेरी कोई तमन्ना भी नहीं. मैं संतुष्ट ही पैदा हुआ और संतुष्ट ही जाऊंगा.
अपनी नई रचनाओं में आप साजों को लेकर भी प्रयोग कर रहे हैं. उनके बारे में आपकी क्या राय है?
नए गानों में नए शब्द, नए ध्वनियां और नए वाद्य यंत्रों के प्रयोग मिलेंगे आपको. मसलन रबाब और मैंडोलिन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए योग पर बनाए एक गाने में वीणा और नादस्वरम का इस्तेमाल किया, जो उत्तर भारत में कम ही प्रयोग होते हैं. अनादि अनंता में अनूठी ध्वनि के लिए तबले के साथ चार-चार पखावज का इस्तेमाल किया.
देश में अक्सर देशभक्ति को लेकर सवाल उठते हैं. आपको लगता है कि देश में देशभक्तों की कमी है?
हमारी शिक्षा को विकृत कर दिया गया था जिससे देशभक्ति की कमी थी. पर पिछले कुछ वर्षों से खासकर युवाओं में देशभक्ति जाग रही है. मैंने भी आजादी के अमृत महोत्सव पर देश के सच्चे नायकों को नमन करते हुए ये है बदलता भारत, नए हौसलों का नया भारत एल्बम निकाला है.
—नवीन कुमार