मेरे ही अभिनय की अनुराग की शर्त पर मैं पटियाला भाग निकला

विनीत कुमार सिंह मुक्काबाज, स्पोर्ट्समैन, लेखक और एक्टर हैं. 

विनीत कुमार सिंह
विनीत कुमार सिंह

मुक्काबाज, स्पोर्ट्समैन, लेखक और एक्टर विनीत कुमार सिंह से बातचीतः

लंबे संघर्ष के बाद अब आप मुक्काबाज से हीरो बन गए. क्या लग रहा है?

स्पोर्ट्समैन होने के कारण मुझमें जुझारूपन शुरू से रहा और शायद इसीलिए संघर्ष के दौरान मैं टूटा नहीं. उसी सब्र का नतीजा है मुक्काबाज. मैं भाग्यशाली हूं कि अनुराग कश्यप और आनंद एल. राय ने छोटे शहर बनारस के मुझ जैसे लड़के पर भरोसा किया. एक ऐक्टर के तौर पर मुझसे जो हो सकता था, मैंने किया. उम्मीद है कि लोगों को मेरा काम पसंद आएगा.

आप बास्केटबॉल के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं. बावजूद इसके आपने अपने लिए एक बॉक्सर की कहानी लिखी?

मैं जो करना चाह रहा था, वो मिल नहीं रहा था. फिर लिखना शुरू किया और मुक्काबाज की कहानी लिखी. यह फिल्म लिखने को लेकर मैं थोड़ा स्वार्थी था. बास्केटबॉल टीम गेम है. इसके बारे में लिखता तो टीम के लिए लिखना पड़ता. इसलिए बॉक्सर को लेकर लिखा.

ऐक्टर के तौर पर आपको पसंद का काम नहीं मिल रहा था. लेकिन मुक्काबाज की कहानी पसंद की गई. अनुभव कैसा रहा?

तीन साल तक मैं यह कहानी लेकर घूमता रहा. हर किसी ने कहानी मांगी, मगर मुझे इसमें काम नहीं दे रहे थे. अनुराग जी के साथ मैं तीन फिल्मों में काम कर चुका था. इसलिए उनसे कहानी पर फीडबैक मांगी तो उन्होंने बताया कि वे फिल्म बनाएंगे. शर्त यह है कि बॉक्सर मैं बनूं. इसके बाद तो मैं बोरिया-बिस्तर बांधकर पटियाला चला गया और विधिवत ट्रेनिंग ली. मेरी पसलियां टूट गईं. फिल्म में कोई बॉक्सिंग कोरियोग्राफर नहीं है. मुझे नीरज गोयत, दीपक तंवर और संदीप यादव जैसे अंतरराष्ट्रीय बॉक्सरों से लडऩा पड़ा.

मुक्काबाज के बाद किस तरह की फिल्में करना चाहते हैं?

मैं तो भूखा ऐक्टर हूं. हर तरह की फिल्में करना चाहता हूं. अनुभव ने सिखा दिया है कि अपने किरदार में सब कुछ लगा दो. फिल्म अच्छी जाएगी तो आगे भी अच्छा ही होगा. अक्षय कुमार के साथ गोल्ड फिल्म कर रहा हूं, जिसमें बहुत अच्छा, अलग किरदार है. ऐसा पहले नहीं किया है. इस बारे में अभी ज्यादा कुछ नहीं बोल पाऊंगा.

आपके आदर्श कौन हैं?

डेनियल डे-लेविस. वे कमाल के ऐक्टर हैं. मैं उनके अभिनय से बहुत प्रभावित हूं. इंडियन ऐक्टरों को तो बचपन से देखकर उनकी तरह अभिनय करने की कोशिश की है. लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं किसी इंडियन ऐक्टर का नाम नहीं ले पाऊंगा.

समाज में किस तरह का बदलाव पसंद है?

हर कोई चाहता है कि खुश रहे. हमारे आसपास के लोग खुश रहें. स्वस्थ माहौल हो. सबका भला हो. ऐसा समाज पसंद है.

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