'संतोष' पर बैन से निराश शहाना को अपनी फिल्म 'महासंगम' का बेसब्री से इंतजार
अभिनेत्री शहाना गोस्वामी अपने भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई रोमांस ड्रामा फोर इयर्स लेटर पर बात करते हुए.

अपने करियर के दो दशकों में शहाना गोस्वामी ऐसी सिर्फ दो कहानियों का हिस्सा रही हैं, जो रोमांस के इर्द-गिर्द बुनी गईं. पहली थी रू-ब-रू (2008) और दूसरी है फोर इयर्स लेटर, जो मिथिला गुप्ता की आठ खंडों की भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई सीरीज है. उनके सह-अभिनेता हैं अक्षय अजित सिंह. यह शो एक नवविवाहित जोड़े की जिंदगी का आईना है.
वे अलग रहने को मजबूर हैं क्योंकि पति सिडनी चला जाता है और पत्नी भारत में ही रह जाती है. गोस्वामी कहती हैं, ''किरदारों की जिंदगी का चित्रण एकदम असल लगा. रिश्ते में आने वाले मुद्दे बारीक और समझदारी भरे थे. ये मुद्दे सिर्फ लड़के की मीन-मेख या शिकायत या यौन संबंध के ही नहीं हैं.’’ सिडनी से पहले मुंबई और जयपुर में शूट किए गए इस शो में अंग्रेजी और हिंदी दोनों का मिश्रण है. ''मुख्य भूमिका में भारतीय किरदारों का अपने स्वाभाविक लहजे में बात करना ताजगी भरा था.’’
उनतालीस वर्षीया गोस्वामी की पहली फिल्म यूं होता तो क्या होता (2006) थी. उसके बाद वे सलमान रुश्दी के नॉवेल मिडनाइट्स चिल्ड्रन (2012) पर बनी दीपा मेहता की फिल्म और विक्रम सेठ के अ सूटेबल बॉय पर मीरा नायर की सीरीज जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रही हैं. उन्हें आखिरी बार ब्रिटिश-भारतीय वृत्तचित्र निर्माता संध्या सूरी की संतोष (2024) में देखा गया था, जिसमें एक युवा विधवा एक दलित लड़की की हत्या की जांच में पुलिस का साथ देती है.
कान फिल्म फेस्टिवल में प्रशंसित प्रीमियर वाली यह फिल्म ऑस्कर की अंतरराष्ट्रीय फीचर श्रेणी में ब्रिटेन की आधिकारिक प्रविष्टि थी. उसे सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फीचर के लिए बाफ्टा में नामांकित किया गया था. पर भारत में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने उसे पुलिस की बर्बरता, जातिगत भेदभाव और महिलाओं के प्रति द्वेष के चित्रण पर आपत्ति के आधार पर रिलीज की इजाजत देने से इनकार कर दिया.
गोस्वामी कई अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र फिल्मों का हिस्सा रही हैं, जो भारत में रिलीज नहीं हुईं. लेकिन संतोष के मामले में निराशा कहीं ज्यादा गहरी है. ''यह एक ऐसी कहानी है जिसकी जड़ें भारत में गहराई से जुड़ी हैं. मुझे लगता है कि यह दर्शकों के एक बड़े वर्ग को प्रभावित करेगी. इसलिए मुझे इस फैसले पर काफी बुरा लग रहा है. हालांकि, मैं अभी भी आशान्वित हूं. मेरा मानना है कि इस फिल्म और किसी न किसी तरह से रोकी गई अन्य फिल्मों के कारण जितनी बहस हुई है, वह बदलाव के लिए एक व्यापक संवाद को जन्म दे रही है.’’
फिलहाल अभिनेत्री अपनी अगली फिल्म महासंगम की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं, जिसमें उनके साथ अभिषेक बनर्जी और नीरज कबी भी हैं. भरत बाला के निर्देशन में यह फिल्म प्रयागराज में महाकुंभ मेले की पृष्ठभूमि पर आधारित है. ''यह एक प्यारी पारिवारिक फिल्म है जिसकी शूटिंग हमने महाकुंभ के दौरान की थी, जो अनोखा अनुभव था.
ए.आर. रहमान ने संगीत तैयार किया है और उनके संगीत पर लिप-सिंक करना मेरे लिए यादगार पल था.’’ जुलाई के अंत में गोस्वामी एक अनाम फिल्म की शूटिंग शुरू करेंगी, जो पौराणिक कथाओं के जरिए पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित है. वे एक ट्रैवल डॉक्यूमेंट्री विद अ डिफरेंस के साथ प्रोडक्शन में भी कदम रखने की उम्मीद कर रही हैं
- करिश्मा उपाध्याय