राजस्थान : लूट-लपेटकर फुर्र होतीं दुलहनें

मरु प्रदेश में बिगड़ते लिंगानुपात का फायदा उठाने उतर पड़े लुटेरी दुलहनों और उनके दलालों के बड़े गिरोह. एक-एक 'दुलहन' 30-30 तक 'शादियां' रचा रहीं. सीमावर्ती इलाकों में ऐसे ब्याह से सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खड़े

तस्वीर में दिख रही सीमा अमीर तलाकशुदा लोगों से शादी रचा कर रफूचक्कर हो जाती है
तस्वीर में दिख रही सीमा अमीर तलाकशुदा लोगों से शादी रचा कर रफूचक्कर हो जाती है

कभी एक बड़े इलाके में बेटियों को जन्मते ही मार डालने के लिए जाने गए राजस्थान को अब वही कुरीति बहुत भारी पड़ रही है. हालत यह है कि बड़े पैमाने पर यहां के विवाह योग्य युवाओं को लड़कियां ही नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में दुलहन लाने के लिए वे भारी रकम खर्च कर रहे हैं. यहीं अपने लिए बड़ी संभावना देख लड़कियां बेचने वाले और उनके जरिए ठगी करने वाले बड़े गिरोह सक्रिय हो उठे हैं.

उनका जाल आस-पड़ोस के कई राज्यों तक फैला हुआ है. शादी के नाम पर साल भर में दर्जन भर से ज्यादा जिलों में औसतन डेढ़ हजार तक के ठगी के मामले देखने को मिल रहे हैं. दूसरी ओर तय रकम लेकर शादी के दूसरे-तीसरे दिन ही गायब हो जाने वाली 'लुटेरी दुलहनों' के बरक्स 20 से ज्यादा जिलों में एकमुश्त पैसे देकर दुलहनें खरीदी जा रही हैं.

जयपुर की मुरलीपुरा थाना पुलिस ने गत 22 दिसंबर को 'ऑपरेशन लुटेरी दुलहन' अभियान के तहत सीमा उर्फ निक्की नाम की एक महिला को गिरफ्तार किया. वह मैट्रिमोनियल साइट के जरिए समाज विशेष के तलाकशुदा अमीरों को तलाशती, उन्हें अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर शादी रचाती, फिर दहेज प्रताड़ना और अप्राकृतिक संबंध जैसे संगीन आरोपों में झूठा मुकदमा दर्ज कराकर समझौते के नाम पर उनसे पैसे ऐंठ रफूचक्कर हो जाती.

तीन राज्यों में निक्की की ठगी के शिकार लोग मिले हैं. उसने आगरा के एक व्यवसायी से 75 लाख रुपए, गुरुग्राम के सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 20 लाख रुपए और जयपुर के एक नामी ज्वैलर से 30 लाख रुपए हड़पे. निक्की से थोड़ा हटकर सोनम इंस्टाग्राम के जरिए अपना वर (शिकार) खोजती है और ठगने के बाद इंस्टाग्राम पर ही उनको अलविदा कह दूसरे दूल्हे की तलाश में निकल पड़ती है.

सोनम के दर्जनों नाम हैं. सोनिया, निशा, अनन्या और कभी शबनम. उसका असली नाम किसी को नहीं पता. उसके जाल में फंसकर हरियाणा और राजस्थान के कई लड़के अपना सब कुछ गंवा चुके हैं. राजस्थान के जैसलमेर के रहने वाले नरेश जोशी उसके सातवें शिकार थे. शादी योग्य उम्र होने पर भी जब नरेश की शादी नहीं हुई तो जैसलमेर जिले के नाचना इलाके में रहने वाले एक दलाल के जरिए उनका निशा (नया नाम) से संपर्क हुआ.

दलाल ने 3.5 लाख रुपए में शादी करा दी. निशा नरेश के घर आई तो परिवार खुशियों से झूम उठा. तीन-चार दिन में ही उसने सबको अपना मुरीद बना लिया. पांचवें दिन निशा ने रात को नरेश के पूरे परिवार को खाने में नींद की गोलियां मिलाकर सुला दिया और फिर रुपए, गहने और अन्य कीमती सामान ले अपने गिरोह के साथ फरार हो गई. सुबह सारा नशा हिरन. पुलिस में रिपोर्ट की गई पर निशा कहां हाथ आने वाली थी.

दसेक दिन बाद नरेश के छोटे भाई की पत्नी ने इंस्टाग्राम पर सोनिया नाम की एक लड़की का स्टैटस देखा जिसमें उसने हरियाणा के शुभम नाम के लड़के के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा था, 'लव यू'. वह कोई और नहीं, निशा ही थी. शुभम से सोनम की शक्ल में रूबरू थी. नरेश के परिजनों ने शुभम का नंबर खोज उसे निशा के बारे में बताया तो उसने पुलिस को खबर की. तब तक निशा शुभम के परिवार से भी तीन लाख रुपए का शगुन ले चुकी थी.

पुलिस उसे थाने ले गई, लेकिन वहां से एक दिन बाद ही वह छूटकर गिरोह के साथ फरार. एक दिन बाद ही उसने इंस्टाग्राम पर शुभम के लिए नया स्टैटस डाला, 'मिस यू जान'. ऐसा ही स्टैटस उसने नरेश से मिलने और छोड़ने के बाद इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था. उससे भी कुछ दिन पहले उसने अनन्या बनकर रोहित नाम के एक लड़के की मलिका बनी थी. उससे पहले भी वह कई लड़कों को शादी का झांसा देकर ठगी कर चुकी थी.

निशा, 30 वर्ष पोकरण, राजस्थान

हनुमानगढ़ जिले की लुटेरी दुलहन शबनम के कारनामे तो और भी कमाल हैं. उसने महीने भर में तीन ब्याह रचाए. शादी के बाद वह 4-5 दिन ससुराल में रुकती और फिर गिरोह के साथ फुर्र हो लेती. दलाल कमलेश कुंवारे लड़कों की तलाश कर उन्हें शबनम से शादी करने के लिए तैयार करता और बदले में 3-5 लाख रुपए तक वसूलता. शादी के पांच-छह दिन बाद घरवालों को बहला फुसलाकर कमलेश 'बहन' को साथ लेकर चला जाता और फिर उसकी शादी दूसरी जगह करा देता. ठगे गए लोग जब कमलेश के घर पहुंचते तो वह कहता, ''न शबनम अब आपके साथ जाएगी न ही पैसे लौटाएंगे. यह तो हमारा धंधा है.''

पुलिस के अनुसार, अलग-अलग युवकों से लाखों ठगने वाली शबनम ने 13 मई, 2022 को पहली शादी हनुमानगढ़ के नेठराना गांव के 35 वर्षीय नेकीराम से की. इसके लिए कमलेश ने नेकी से 2.5 लाख रुपए लिए. भादरा कोर्ट में बाकायदा स्टाम्प पर लिखा-पढ़ी हुई. छह दिन नेकी के साथ रहने के बाद उनसे बदी करके शबनम ने 23 मई, 2022 को खचवाना गांव के 27 वर्षीय धर्मपाल के साथ शादी कर ली. यहां भी स्टांप पर लिखा पढ़ी. और शादी के नाम पर 2.24 लाख रुपए की ठगी. 10 दिन बाद ही उसने कैथल के एक नौजवान से विवाह कर लिया. पुलिस पड़ताल में सामने आया कि कमलेश और शबनम ने दर्जनों युवकों को ठगा है.

डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा में 13 मई, 2022 को पकड़ी गई लुटेरी दुलहन रीना ने तो शादियों का नया रिकॉर्ड बना डाला. मध्य प्रदेश की कुख्यात पूजा बर्मन गैंग की सबसे खतरनाक लुटेरन रीना उर्फ सीता ने 5-10 नहीं बल्कि पूरी 30 शादियां रचाईं और हर बार दूल्हे को लूटकर चंपत हो ली. वह 31वीं शादी की ताक में थी तभी सागवाड़ा पुलिस ने उसे दबोच लिया. पुलिस की एक स्पेशल टीम ने ग्राहक बनकर पूजा और रीना को पकड़ने का जाल फैलाया.

एक कांस्टेबल दूल्हा बना और पूजा से शादी करवाने की बात कही. पूजा ने 5,000 रुपए लेकर करीब 10 युवतियों के फोटो भेज दिए. रीना उर्फ सीता भी उन्हीं में थी. कांस्टेबल ने रीना से शादी करने की मंशा जताई तो पूजा और रीना जाल में फंस गईं. उन्होंने कांस्टेबल को 50,000 रुपए एडवांस लेकर एक मॉल के पास बुलाया. कांस्टेबल दूल्हे के रूप में और बाकी सिपाही दोस्त के रूप में मौके पर पहुंचे. सीता के वहां पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया, मगर सरगना पूजा फरार हो गई.

पुलिस पूछताछ में पता चला कि गुड्डी उर्फ पूजा बर्मन के कई राज्यों में एजेंट हैं और कई लुटेरी दुलहनें पूजा के संपर्क में हैं. इन सभी के नकली आधार कार्ड और अन्य फर्जी नाम-पतों समेत दस्तावेज पूजा तैयार करवाती है. उसके बाद दलालों के जरिए उनकी शादी करवाकर लूट की जाती है.

गाजियाबाद की रेखा से तो राजस्थान का पूरा पाली जिला खौफ खाता है. पहले से शादीशुदा रेखा ने पाली जिले के आठ युवकों को शादी का झांसा देकर लूटा. रेखा के चाल-चलन के कारण पति ने उसे छोड़ दिया तो वह मध्य प्रदेश की लुटेरी दुलहनों के गैंग में आ घुसी. गिरोह से जुड़कर पहले तो रेखा ने नसबंदी करवाई और उसके बाद एक-एक कर 8 लोगों को जाल में फंसाया. इनमें से सात तो एक ही समाज के हैं.

शादी करके वह जिसके भी घर आती, आत्महत्या और दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर उसका जीना मुहाल कर देती. किसी भी 'दूल्हे' के यहां वह 2-3 महीने से ज्यादा नहीं रुकी. उसके नौवीं शादी की योजना से पहले ही आठवें पति ने राज खोल दिया. रेखा ने हर शादी नाम बदलकर और फर्जी आधार कार्ड बनवाकर की. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर की लुटेरी दुलहन दीपिका जायसवाल भी राजस्थान में 9 लोगों को ठग चुकी है.

इन लुटेरी दुलहनों के नाम भले ही शबनम, सोनिया, सीमा, दीपिका, रीना और रेखा जैसे अलग-अलग हों, मगर इनके ठगने की स्टाइल और ठगी के शिकार लोगों की दास्तान लगभग एक-सी है. शादी के आकांक्षी युवकों से दलाल के जरिए संपर्क करना, उनसे लाखों रुपए ऐंठना और फिर मौका पाकर कीमती सामान समेटते हुए रफूचक्कर हो जाना. इन लुटेरी दुलहनों का यही धंधा है.

क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में हर दिन शादी के नाम पर ठगी के औसतन तीन से चार मामले सामने आ रहे हैं. सालभर में ऐसे 1,500 से ज्यादा मामले सामने आते हैं. राजस्थान के 20 जिले ऐसे हैं जहां लुटेरी दुलहनों के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं. इन जिलों में सीकर, झुंझुनूं, चूरू, जयपुर, नागौर, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, धौलपुर, भरतपुर, कोटा, बूंदी और झालावाड़ जिले शामिल हैं.

ये वही जिले हैं जहां लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक है. राजस्थान में बिहार, झारखंड, ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से बड़ी तादाद में शादी के लिए लड़कियां लाई जाती हैं. शादियों के जरिए ठगी वाले गिरोह राजस्थान भर में सक्रिय हैं.

शबनम, 26 वर्ष हनुमानगढ़, राजस्थान

इन लुटेरी दुलहनों की कहानियां इतनी चर्चित हो चुकी हैं कि लोग अब इनसे खौफ खाने लगे हैं. इसी कारण लोग अब एक साथ पैसा न देकर किस्तों में दुलहन ला रहे हैं. इंडिया टुडे की प्रदेश के 8 जिलों में पड़ताल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें लोग डाउन पेमेंट देकर दुलहन घर ले आए और बाकी पैसा लोन की तरह आसान किस्तों में चुका रहे हैं.

जयपुर से 60 किलोमीटर दूर नरेना के 21 वर्षीय समुद्र सिंह ने दलाल को डाउन पेमेंट देकर अपनी दुलहन पाई. आस-पास के क्षेत्र में जब समुद्र का रिश्ता नहीं हो पाया तो एक दलाल के जरिए उन्होंने उत्तर प्रदेश में जौनपुर के शाहगंज की रोशन से संपर्क किया. दलाल ने एकमुश्त पैसे मांगे तो समुद्र ने देने से मना कर दिया. रोशन पसंद आ जाने के बाद उन्होंने बिचौलिए को किस्तों में पैसा देने का फैसला लिया. इसके तहत 25,000 रुपए शादी के समय, 25,000 रुपए दुलहन के राजस्थान लौटने पर और 25,000 रुपए शादी के कुछ माह बाद दिए.

समुद्र के बड़े भाई मुकेश और उनकी पत्नी सुनीता इतने खुशकिस्मत न थे. समुद्र से कुछ माह पहले ही मुकेश की शादी रोशन की बड़ी बहन सुनीता से हुई, मगर शादी के बदले उसे दलाल को दो लाख रुपए एकमुश्त देने पड़े. रोशन और सुनीता की शादी को पांच साल बीत चुके हैं. दोनों बहनें एक ही घर में खुशी-खुशी रहती हैं.

समुद्र ने बताया, ''हमारे क्षेत्र में लुटेरी दुलहनों के कई मामले सामने आए हैं. कई दलालों ने हमें भी दुलहन दिलाने का झांसा दिया, मगर हम नहीं फंसे. पूरी छानबीन के बाद हमने दलाल को उतने ही पैसे दिए जिसमें वह वहां शादी कराकर दुलहन के साथ हमें वापस घर तक पहुंचा दे. बाकी पैसा हमने कई किस्तों में चुकाया.''

जैसलमेर के ओमप्रकाश और रूपाली की शादी भी इसी तरह किस्तों में पैसे देकर की गई. रूपाली असम के लखीमपुर की रहने वाली है. दलाल के जरिए ओमप्रकाश और रूपाली की मुलाकात हुई. दलाल ने तीन लाख रुपए की मांग की. मजदूरी करने वाले ओमप्रकाश के पास एकमुश्त इतने पैसे नहीं थे. ऐसे में उसने दलाल को तीन किस्तों में पैसे देने के लिए राजी किया. 25,000 रुपए शादी से पहले दिए और एक लाख रुपए शादी के बाद. रूपाली के असम से जैसलमेर पहुंचने के कुछ दिन बाद उसे एक लाख रुपए और दिए. बाकी राशि कुछ माह बाद.

जैसलमेर के हीरालाल और सुनीता की शादी भी इसी तरह डाउन पेमेंट देकर हुई. राजस्थान में प्रचलित आटा-साटा प्रथा के कारण चाय की दुकान चलाने वाले हीरालाल की शादी नहीं हो पा रही थी. आटा-साटा प्रथा में लड़की के बदले लड़की देने की प्रथा है. हीरालाल की एक ही बहन थी जिसकी शादी 15 साल पहले हो गई. ऐसे में स्थानीय स्तर पर कोई उनके घर लड़की देने को तैयार न था. ऐसे में बिचौलिए के जरिए हीरालाल का असम की सुनीता से संपर्क हुआ. पसंद आ जाने पर दोनों ने वहीं शादी कर ली. हीरालाल के मुताबिक, ''रिश्ता कराने के लिए कई दलालों ने संपर्क किया था पर उसमें ठगी का खतरा था. ऐसे में उन्होंने किस्तों में पैसे देने का फैसला किया.''

अजमेर के रूपनगढ़ के गणेश भी अपनी दुल्हन किस्तों में लेकर आए. बिहार के बक्सर जिले की अमृता की शादी गणेश के साथ तीन साल पहले हुई. स्नातक करने के बाद भी बेरोजगार गणेश की शादी नहीं हो पा रही थी. उसके परिजनों का संपर्क एक बिचौलिए से हुआ जिसने दो लाख रुपए में बिहार से दुलहन लाने का भरोसा दिया. गणेश के परिजनों को अमृता के परिजनों से मिलाया गया तो दोनों को रिश्ता पसंद आ गया. बिचौलिए ने एक लाख रुपए शादी से पहले डाउन पेमेंट के बतौर मांगे और एक लाख रुपए शादी के बाद देने कहा. मजदूरी करने वाले गणेश ने दो साल में कई किस्तों में पूरे पैसे दिए हैं.

इस कारण नहीं मिल पा रही दुलहन

राजस्थान में लिंगानुपात में गिरावट और आर्थिक परिस्थितियों के चलते दुल्हन मिलना मुश्किल हो गया है. 2011 की जनगणना के अनुसार, राजस्थान में प्रति 1,000 पुरुषों पर 928 लड़कियां हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर 943 लड़कियों के आंकड़े से काफी कम है. धौलपुर जिले में तो 1,000 लड़कों पर लड़कियों की तादाद महज 845 है. जैसलमेर, करौली, भरतपुर, गंगानगर, अलवर, सवाई माधोपुर और बाड़मेर जिलों में भी लिंगानुपात 900 से कम है.

नीति आयोग की 'हेल्दी स्टेट्स प्रोग्रेसिव इंडिया' रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में 2018 तक लड़कियों की तादाद में गिरावट आई है. रिपोर्ट के अनुसार, जन्म के समय के लिंगानुपात में गुजरात में 38, हरियाणा में 35, राजस्थान में 32, उत्तराखंड में 27, महाराष्ट्र में 18, हिमाचल प्रदेश में 14, छत्तीसगढ़ में 12 और कर्नाटक में 11 प्वॉइंट की गिरावट हुई है.

कन्या भ्रूण हत्या जैसे कारणों के चलते राजस्थान में दूसरे राज्यों से लड़कियां खरीदकर लाई जाती हैं. भ्रूण हत्या के अलावा सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति में आया बदलाव भी लड़कों की शादी में बाधा बना है. शेखावाटी इलाका जहां लड़कियों का शैक्षणिक स्तर सर्वाधिक है वहां शादी के लिए सबसे ज्यादा तादाद में दूसरे राज्यों से लड़कियां लाई गई हैं. शेखावाटी इलाके में नौकरीपेशा लड़कियों की संख्या भी राजस्थान में सर्वाधिक है. सामाजिक हैसियत के अनुसार नौकरीपेशा लड़की अमूमन नौकरीपेशा लड़के से ही शादी करना चाहती है. ऐसे में सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर लड़कों को लड़कियां मिलना मुश्किल हो जाता है.

इस मसले पर समाजशास्त्री प्रो. राजीव गुप्ता कहते हैं, ''राजस्थान की आर्थिक स्थिति में कई तरह के अंतर्विरोध हैं जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र के निर्धन और अशिक्षित श्रेणी वाले युवाओं के विवाह में परेशानी आती हैं. राजस्थान में अंतरजातीय विवाह का फीसद भी बहुत कम है. ऐसे में शादी योग्य युवाओं को जब स्थानीय स्तर पर लड़कियां नहीं मिलती हैं तो उन्हें दूसरे राज्यों से खरीद-फरोख्त कर लाया जाने लगा है. इसमें धोखाधड़ी और अन्य विसंगतियां शामिल रहती हैं. शादी के नाम पर लड़कियों का लेन-देन बाजार की प्रणाली का हिस्सा बन गया है.'' गुप्ता का कहना है कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्र में निर्धन और अशिक्षित श्रेणी के युवाओं के रोजगार के लिए योजनाएं बनाना चाहिए.

बाहरी दुलहनों से खतरे में सरहद

राजस्थान में बाहर से लाई गई दुलहनों के कारण युवा तो ठगी के शिकार हो ही रहे हैं, इनके कारण सरहद की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है. राजस्थान के सरहदी जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के अंतिम छोर पर बसे गांवों में हजारों की तादाद में बाहर से लाई गई दुलहनें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अन्य एजेंसियों के लिए चुनौती बन गई हैं.

सरहद की सुरक्षा को चुनौती देने वाला एक ऐसा ही मामला अंतरराष्ट्रीय तस्कर भुट्टो सिंह की गिरफ्तारी के बाद सामने आया. पुलिस जांच में पता चला कि भुट्टो अपनी दुल्हन पश्चिम बंगाल से लेकर आया था. सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए भुट्टो अपनी पत्नी को गुजरात का बताता था. भुट्टो पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान की अंतिम ग्राम पंचायत रोहिड़ी के नरसिंगार गांव का रहने वाला है.

2 मई, 2023 को भुट्टो को पाकिस्तान से भेजी गई 95 करोड़ रुपए की 20 किलो हेरोइन तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. 55 करोड़ रुपए कीमत की 11 किलो हेरोइन उसने पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर जिले के मिठड़ाऊ गांव में एक पेड़ के नीचे छिपा रखी थी. नौ किलो हेरोइन कुछ दिन पहले पकड़े गए उसके साथियों के पास से बरामद हुई. सुरक्षा एजेंसियों को भुट्टो सिंह की पत्नी पर शक था. 2012 में भुट्टो की शादी हुई थी और दो साल बाद ही उसकी पत्नी पश्चिम बंगाल चली गई.

बताते हैं वह मादक पदार्थों के अंतरराष्ट्रीय तस्करों के संपर्क में थी. तस्करों को भुट्टो के बारे में जानकारी वही मुहैया कराती थी. वह बीच-बीच में यहां आकर भुट्टो से मिलकर जाती मगर सितंबर 2022 के बाद से वापस नहीं लौटी. बताते हैं कि जब से सुरक्षा एजेंसियों ने भुट्टो पर नजर रखनी शुरू की, वह फरार हो गई.

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रोहिड़ी गांव में 50 फीसद से ज्यादा महिलाएं दूसरे राज्यों से शादी करके लाई गई हैं. स्थानीय लोग कहते हैं कि उनके बेटों की शादी गुजरात में हुई है, पर सुरक्षा एजेंसियों को यह पता चला है कि पश्चिम बंगाल, असम, बिहार और अन्य राज्यों से पहले इन लड़कियों को गुजरात लाया जाता है. फिर उन्हें गुजराती बताकर उनकी शादी राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में कर दी जाती है.

राजस्थान पहुंचते ही उनको नए नाम से आधार कार्ड और राशन कार्ड जारी करा लिया जाता है. पाकिस्तान बॉर्डर से सटे रोहिड़ी नई, रोहिड़ी पुरानी, नवा तला, हूरों का तला, देपुसर, आकली जैसे गांवों में 30-40 फीसद लड़कियां दूसरे राज्यों से ब्याहकर लाई गई हैं.

भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ''सरहदी इलाकों के स्थानीय लोग और बीएसएफ के बीच आपसी तालमेल मजबूत है. बीएसएफ के लिए स्थानीय लोगों की गतिविधियों पर नजर रखना आसान होता है, मगर दूसरे राज्यों से लाई जा रही लड़कियां यहां से वापस लौटकर कहां जाती हैं और किस-किस से मिलती हैं, इसका पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है. बाहर से कोई भी व्यक्ति यहां आता है तो स्थानीय लोग तुरंत बीएसएफ को सूचित करते हैं मगर उन लड़कियों से जुड़ी जानकारियां छिपाते हैं.'' जाहिर है, दुलहनों का यह सौदा सुरक्षा के लिहाज से भी चिंताजनक है.''

कुख्यात जमाई के रास्ते शातिर दुलहन

जिया देवी लोगों को झांसे में लेकर शादी रचाने में माहिर है. वहीं जियाराम 55 दुल्हनों के साथ सुहागरात मनाने वाला शातिर ठग. जियाराम की 8 साल पहले मौत हो चुकी है, मगर उसको आज भी इस क्षेत्र में 'जमाई राजा चोर' के नाम से जाना जाता है.

जिया देवी बाड़मेर, राजस्थान

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बाड़मेर जिले की कापराऊ ग्राम पंचायत के ईश्वरपुरा गांव की रहने वाली जिया देवी अलग-अलग जिलों में पांच लोगों से शादियां कर उनके साथ ठगी कर चुकी है. स्थानीय लोग बताते हैं कि उसने 20 से ज्यादा शादियां की हैं. जिया देवी के खिलाफ झांसा देकर शादी करने और ठगी करने के 3 मामले बाड़मेर के चौहटन थाना क्षेत्र में दर्ज हुए हैं जबकि एक-एक मामला नागौर के कुचेरा थाना और पाली जिले के इंडस्ट्रियल एरिया थाने में दर्ज है.

जिया देवी ने खुद 13 लोगों के खिलाफ बलात्कार, बलात्कार का प्रयास और छेड़खानी के मुकदमे दर्ज करा रखे हैं. मार्च 2023 में जिया की हिस्ट्रीशीट खोली गई. चौहटन के पूर्व थाना अधिकारी भुट्टाराम ने बताया, ''जिया की पहली शादी हरियाणा में ढाबा चलाने वाले देवाराम के साथ हुई थी. देवाराम और जिया की दो संतान हैं. फिर उसने खुद को तलाकशुदा और विधवा बताकर कई शादियां कीं.''

जिया देवी जैसा ही शातिर जियाराम था. वह बाड़मेर जिले के सिणधरी थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर रहा था. वह शातिर ठग सुनसान ढाणियों में रात के अंधेरे में जमाई बनकर जाता और नई नवेली दुलहनों की अस्मत से खेलता था. बाड़मेर के कई थाना क्षेत्रों में उसके खिलाफ 30 मुकदमे दर्ज हुए. उसने पहली वारदात 18 साल की उम्र में की. 54 साल की उम्र तक वह 55 सुहागरात और ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका था.

दरअसल, राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह का प्रचलन है. उसमें लड़की के वयस्क होने पर गौना होता है. गौना होने तक लड़की पीहर में ही रहती है. जियाराम ऐसे घरों का पता करता, जहां गौना होना बाकी था. वह ऐसी ढाणियों में रात्रि नौ-दस बजे जमाई बनकर पहुंच जाता. वह अपने साथ खूब सारे बताशे और कपड़े लेकर जाता था जिसके कारण घरवाले जमाई राजा की खूब खातिरदारी करते.

उन दिनों गांव ढाणियों में मोबाइल फोन और टेलीफोन जैसे संपर्क के साधन भी न थे. रात में वह घरवालों को विश्वास में लेकर उनसे गहने भी हासिल कर लेता था. उसके बाद रात में सुहागरात मनाकर वह घर का कीमती सामान चुराकर दिन निकलने से पहले फरार हो जाता. लोक-लाज के चलते लड़की के घर वाले उसके खिलाफ छेड़छाड़ और चोरी के मुकदमे दर्ज करा इतिश्री कर लेते. 1994 में पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट खोली थी. उसके बाद भी 2003 तक वह लगातार वारदातों को अंजाम देता रहा. जमाई राजा चोर के नाम से बदनाम होने के कारण उसकी शादी नहीं हो पाई थी. 11 जून 2016 को उसकी मौत हो गई.

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