मानसी जोशीः अपने पाले में प्रथम
बैडमिंटन स्टार मानसी जोशी दिव्यांग अधिकारों की वकालत, विश्व चैंपियन बनने और पैरालिंपिक 2021 के लिए अपनी तैयारी पर.

बैडमिंटन स्टार मानसी जोशी दिव्यांग अधिकारों की वकालत, विश्व चैंपियन बनने और पैरालिंपिक 2021 के लिए अपनी तैयारी पर.
• आपके ऊपर एक बार्बी डॉल का मॉडल बनाया गया है. यह जानकर कैसा लगता है?
यह जानकर सचमुच अच्छा लगता है कि बार्बी के शीरोज मॉडल की कड़ी में सम्मान पाने वाली मैं दूसरी भारतीय हूं. गेहुएं रंग और बिखरी पोनी टेल से लेकर कृत्रिम टांग तक सब कुछ उन्होंने खूबसूरती से उतारा है. लड़कियों के लिए यह अहम है कि बचपन के शुरुआती दिनों में ही वे खेल की मुख्य धारा में खुद को शामिल पाएं, उनके साथ कोई भेदभाव न हो.
• ट्रेनिंग के लिए क्या आप कोर्ट पर वापस आ गई हैं?
अहमदाबाद में मेरे घर के पास ही एक फैसिलिटी है, जहां मैं सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने भाई के साथ प्रैक्टिस करती हूं. हैदराबाद (गोपीचंद एकेडमी) में अभी ट्रेनिंग शुरू नहीं हुई है. मार्च तक कोई टूर्नामेंट भी नहीं है. मैं अब दौड़ लगा रही हूं. इससे मुझे मेरे मूवमेंट के साथ-साथ खेल में भी मदद मिल रही है.
• पिछले साल विश्व चैंपियन बनने के बाद से आप दिव्यांगों के अधिकार के लिए रोल मॉडल बन गई हैं. इसके साथ किस तरह की जिम्मेदारियां आई हैं?
अब मैं जब भी बोलती हूं तो वह सिर्फ शरीर का कोई अंग खो चुके लोगों के बारे में नहीं बल्कि उस पूरी बिरादरी के बारे में होता है. ठीक से उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए मैं उनके बारे में सब कुछ जानना चाहती हूं. लॉकडाउन के समय का उपयोग मैंने दिव्यांगों के अधिकारों के बारे में ठीक से जानने-समझने के लिए किया है.
• पैरालिंपिक 2021 में आपकी बैडमिंटन कैटेगरी शामिल नहीं है. ऐसे में उसके लिए आपकी क्या तैयारी है?
हरियाणा के राकेश पांडेय के साथ मैं मिक्स्ड डबल्स खेलने जा रही हूं, जिनके साथ 2015 की विश्व चैंपियनशिप में मैंने रजत पदक जीता था. हम इसका हिस्सा बनना चाहते हैं और क्वालीफिकेशन के लिए तैयारियों में लगे हुए हैं. इसके लिए मैं अपने पर बहुत ज्यादा दबाव न बनाकर चीजों को सामान्य रखने की ही कोशिश कर रही हूं.