ऊंचे और असरदारः सबसे बड़ा पहरेदार

डोभाल अपने वैश्विक समकक्षों ही नहीं बल्कि अपने कार्यालय के कर्मचारियों को भी प्रथम नाम से बुलाते हैं.

अजित डोभाल
अजित डोभाल

2. सबसे बड़ा पहरेदार
अजित डोभाल, 76 वर्ष

क्योंकि भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले एनएसए कूटनीति से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक के लिए अपरिहार्य दूसरे स्तंभ बन गए हैं.

उन्होंने लद्दाख में चीन के साथ तनाव को हल करने से लेकर अफगानिस्तान से सुगम वापसी पक्की करने, तालिबान से नेपथ्य में वार्ता का दरवाजा खोलने और दुनिया में अपने समकक्षों के से संपर्क तक उनकी सक्रियता कमाल की है

क्योंकि नई दिल्ली के सरदार पटेल भवन में उनका दफ्तर है, जहां खुफिया और सुरक्षा जगत के लोगों को देखा जा सकता है—मसलन, एमआइ6 के रिचर्ड मूर, सीआइए के विलियम जे. बर्न्स और रूसी एनएसए निकोल पेत्रुशेव

क्योंकि डोभाल अपने वैश्विक समकक्षों ही नहीं बल्कि अपने कार्यालय के कर्मचारियों को भी प्रथम नाम से बुलाते हैं. वे काम में अनौपचारिकता और स्वीकार्यता का माहौल बनाते हैं. लगभग कोई भी उसके पास सुझाव लेकर जा सकता है

अतीत से भारतीय सेना के इंजीनियरिंग कोर ने हाल ही में डोभाल को उनके सैन्य दिग्गज पिता मेजर गुणानंद डोभाल के 'पार्ट II ऑर्डर’ की एक प्रति भेंट की थी, जिसमें 1945 में उनके बेटे के जन्म की घोषणा की गई थी

 

3. राजीव गाबा, 62 वर्ष, गृह सचिव, नीति नियंता, सीएए, कैबिनेट सचिव

कर के दिखाने वाला

क्योंकि वे सामाजिक क्षेत्र के बढ़े हुए खर्च और आखिरी आदमी तक शासन प्रदान करने के समय में भारत की नौकरशाही का नेतृत्व कर रहे हैं. सरकार को महामारी से लड़ना है और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी चलाना है

क्योंकि गाबा पीएम मोदी के करीबी हैं. इस अगस्त में देश के सबसे ताकतवर नौकरशाह के पद पर उनका एक साल का विस्तार उनके रसूख की गवाही देता है

क्योंकि वे यह बात साफगोई से मान लेते हैं कि 'मेक इन इंडिया’ सफल क्यों नहीं हुआ और उससे सीखे गए सबक को बेहतर नीति और कार्यान्वयन के साथ उसके नए-नवेले अवतार 'आत्मनिर्भर भारत’ में लागू कर रहे हैं

बात पते की 1980 में पटना विश्वविद्यालय से भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की. गाबा कम मुखर और अध्ययनशील थे और बीएससी में भौतिकी के स्वर्णपदक विजेता थे, नड्डा राजनीति विज्ञान में बीए के साथ जेपी आंदोलन के छात्र कार्यकर्ता थे.

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