मेंटल हेल्थ थेरेपी के लिए EMI : ये नया ट्रेंड क्यों भा रहा Gen Z को?
Gen Z के लिए EMI मेंटल हेल्थ थेरेपी का एक नया ट्रेंड भले हो, लेकिन इसके अलावा भी वह इस मामले में नई लीक पर चल रही है

मिलेनियल्स यानी 1980 से 2000 के बीच पैदा हुई पीढ़ी को इस बात का श्रेय दिया जा सकता है कि उसने मानसिक सेहत के इलाज को मुख्यधारा में लाने में मदद की. वहीं Gen Z यानी 1996 और 2010 के बीच जन्मी पीढ़ी ने इससे जुड़े कलंक को हमेशा के लिए दफ्ना दिया.
खुलेपन और भावनात्मक शब्दावली के बूते पली-बढ़ी पीढ़ी के लिए मानसिक परेशानी कोई कोई ऐसा स्थिति नहीं है जिसे यूं ही चलने दिया जाए. यह कोई लग्जरी नहीं है बल्कि एक जरूरत है. यही वजह है कि इनमें से कई मेंटल हेल्थ थेरेपी के लिए लोन लेने के बजाय EMI भरना पसंद कर रहे हैं. ऑनलाइन हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म सेव-इन के संस्थापक और CEO जितिन भसीन इसके बारे में अपने विचार साझा कर रहे हैं.
नई आपातस्थिति
Gen Z मानसिक विकारों का इंतजार नहीं करती. वह पढ़ाई-लिखाई के दबाव, नौकरियों की दुनिया के ढुलमुलपन और सोशल मीडिया से बहुत ज्यादा जुड़ी जिंदगी जीने की चिंताओं के बीच रास्ता बनाते हुए पले-बढ़े हैं. उनके लिए इलाज बेहद अहम जरूरत है, आखिरी सहारा नहीं. अगर धन की तंगी हो तो वे डॉक्टर से मिलना छोड़ने के बजाय कहीं और कटोती करेंगे. EMI बस इसे और आसान बना देती है.
गैजेट के बजाय इलाज में निवेश करें
नए से नया स्मार्टफोन रखने न रखने से Gen Z के कई युवाओं को शायद ज्यादा फर्क न पड़ता हो. एक अच्छा-सा फोन भर काफी है. उनका खिंचाव निजी विकास, मन में स्पष्टता और भीतरी शांति की तरफ ज्यादा है. इलाज इसी का वादा करता है. इस पीढ़ी एक बड़ा तबका फोन को डिब्बे से निकालने सरीखे चीजों से मिलने वाली क्षणिक खुशी के पीछे नहीं भाग रहा है; वह लंबे वक्त के इलाज के पक्ष में हैं.
EMI जानी-पहचानी हैं
ओटीटी प्लेटफॉर्म से लेकर ई-लर्निंग ऐप तक Gen Z ‘सब्सक्रिप्शन जेनरेशन’ है. इलाज के लिए हर माह 799 रुपए या 999 रुपए? लगता है जीवनशैली से जुड़ी चीजों के उनके अंबार में एक और चीज जुड़ गई हो. फर्क सिर्फ यह कि तीन एपिसोड में इसकी रंगत फीकी नहीं पड़ जाती और न ही ध्यान में आए बिना ऑटो-रिन्यू हो जाती है. यह उनके मानसिक सेहत में असल और बेहतर बदलाव लाती है.
‘सॉफ्ट लाइफ’ का जमाना
थकान और तनाव से निढाल होने का महिमामंडन अब बीती बात हो चुकी है. Gen Z ‘सॉफ्ट लाइफ’ का विकल्प चुन रही है, जिसमें भले-चंगे रहने को तवज्जो देते हुए जिंदगी की रफ्तार को सोचसमझकर धीमा कर लिया जाता है. इस नए तौर-तरीके में इलाज पूरी तरह फिट बैठता है. यह भोग-विलास नहीं है. यह अपने को महफूज रखना है. मासिक EMI अमन-चैन की कीमत भर है.
इलाज लंबे वक्त का निवेश
इलाज के फायदे जिंदगी के हर क्षेत्र में छितर जाते हैं, चाहे वह ज्याद मजबूत रिश्ते हों, साफ और दो-टूक फैसले लेना हो, या भावनात्मक नियंत्रण हो. Gen Z यह बात जानती है. भुगतान के लचीले प्लान के साथ उन्हें इलाज खर्च की तरह नहीं बल्कि अपने भविष्य में निवेश की तरह लगता है.
Gen Z साफ तौर पर भला-चंगा रहना चुन रही है और पहले से कहीं ज्यादा अपनी मानसिक सेहत को अपने बटुओं से मजबूत कर रही है. समझदारी और बेबाकी से.