क्या है विमोरोज्का, जिसे दुनिया का सबसे मुश्किल काम मानते हैं लोग!

विमोरोज्का का साधारण-सा मतलब है- किसी वस्तु को आपात स्थिति में फंसने से बचाना. याकुटिया (रूस) के स्थानीय लोग इसे दुनिया का सबसे मुश्किल काम मानते हैं, लेकिन क्यों?

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

इस दुनिया में सबसे मुश्किल काम क्या है? किसी के लिए पहाड़ तोड़ना, एवरेस्ट चढ़ना मुश्किल हो सकता है, तो किसी के लिए सुबह जल्दी उठना भी. किसी के लिए सिविल सर्विस की परीक्षा क्रैक करना कठिन है तो किसी के लिए अभिनय या सिंगिंग. लुब्बेलुबाब (सही शब्द यही है, न कि लब्बोलुबाब या लब्बोलुआब) ये कि सबसे मुश्किल काम क्या होता है इसकी परिभाषा तय करना कठिन है.

लेकिन दुनिया में एक कोना ऐसा है जहां काम करना सबसे मुश्किल माना जाता है. रूस के सुदूर पूर्व में साइबेरियाई इलाका है जहां सर्दियों में तापमान माइनस 50 डिग्री के आसपास चला जाता है. इस हाड़ तोड़ती सर्दी में कामगारों को वहां खड़े विशाल जहाजों के मेंटेनेंस का ध्यान रखना पड़ता है. उन्हें जहाज के चारों तरफ जमा होने वाली बर्फ को हटाना पड़ता है. उन जगहों को ढूंढ़ना होता है जिनकी मरम्मत की जरूरत होती है.

इस पूरी प्रक्रिया को 'विमोरोज्का' कहा जाता है. विमोरोज्का का साधारण-सा मतलब है- किसी वस्तु को आपात स्थिति में फंसने से बचाना. गर्मियों में जब तापमान सामान्य रहता है, जहाजों को साइबेरियाई अर्थव्यवस्था की लाइफलाइन माने जाने वाली लीना नदी के तट पर स्थित याकुत्स्क बंदरगाह में खड़ा कर दिया जाता है. लेकिन सर्दी के दिनों में जब तापमान गर्त में चला जाता है और चीजें जमने लगती हैं, तो इन्हें जमने से बचाने और चलायमान बनाए रखने के लिए इनकी मेंटेनेंस की जरूरत होती है.

कामगार धीरे-धीरे जहाज के चारों तरफ जमी बर्फ को काटते हैं. इसके लिए न केवल धैर्य और ताकत की जरूरत होती है, बल्कि सटीकता का भी ध्यान रखना पड़ता है. उन्हें यह सुनिश्चित करना होता है कि बर्फ जल्दबाजी में न काटी जाए और न ही वे पानी में नीचे चले जाएं. अगर ऐसा हुआ तो न सिर्फ जहाज के डूबने का खतरा होता है बल्कि सारे किए-धरे पर पानी फिर सकता है. बर्फ को हटाने के लिए हफ्तों तक चलनी वाली यह प्रक्रिया काफी उबाऊ और थकाने वाली होती है.

याकुटिया (क्षेत्रफल के लिहाज से रूस के सबसे बड़े राज्य) के स्थानीय लोग 'विमोरोज्का' को दुनिया का सबसे मुश्किल काम बताते हैं. लेकिन कामगारों की मानें तो यह सिर्फ नजर-नजर की बात है. रॉयटर्स से बात करते हुए 48 वर्षीय मिखाइल क्लूस कहते हैं, "आपको सिर्फ सही तरीके से कपड़े पहनने होते हैं, बस. जब आप (किसी गर्म इमारत में) आते हैं और कपड़े उतारते हैं, तो यह 'सॉना' की तरह होता है, शरीर से भाप निकल रही होती है."

वे आगे बताते हैं, "मुझे नहीं लगता कि यह सबसे मुश्किल काम है. इससे भी ज्यादा मुश्किल काम होते होंगे. पर यह शायद सबसे मुश्किल कामों में से एक है. आपको बस समझने की जरूरत है, सर्दी से प्यार करने और इसमें काम करने की जरूरत है." 

बहरहाल, यहां मौसम जितना ज्यादा ठंडा होता है, बर्फ उतनी ही अच्छी तरह जमती है. और इसमें काम करना भी उतना ही आसान होता है. पर इस तरह का तापमान कुछ कामगारों के लिए तकलीफदेह भरा होता है. 22 साल के अर्टोम कोवालेक बताते हैं, "कभी-कभी जब ठिठुरन महसूस होती है तो नकारात्मक खयाल आते हैं. लगता है कि इस ठंड में काम करना मुश्किल है. आप घर जाना चाहते हैं. खाना चाहते हैं और आराम करना चाहते हैं. इन हालात में खुद पर नियंत्रण करना होता है."

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