हनुमा विहारी और आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन के बीच विवाद का पूरा मामला क्या है?
रणजी ट्रॉफी के 26 फरवरी के मैच में आंध्र प्रदेश की टीम हारने के तुरंत बाद हनुमा विहारी ने आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन और एक साथी खिलाड़ी पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए बवंडर खड़ा कर दिया

रणजी ट्रॉफी का मौजूदा सीजन अब समापन की ओर है. 2 मार्च से पहला सेमीफाइनल खेला जाएगा. लेकिन इससे पहले एक विवाद ने सबका ध्यान खींचा है. यह विवाद है भारतीय टेस्ट खिलाड़ी हनुमा विहारी और आंध्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एसीए) के दरमियान. विहारी ने घोषणा की है कि वो "अब कभी आंध्र प्रदेश के लिए क्रिकेट नहीं खेलेंगे." एसीए ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ऐसे में आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
दरअसल, हुआ ये कि 26 फरवरी को खत्म हुए चौथे क्वार्टर फाइनल मैच में मध्य प्रदेश की टीम ने आंध्र प्रदेश पर 4 रनों से रोमांचक जीत दर्ज कर उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन आंध्र की तकलीफ यहीं खत्म नहीं हुई. जैसे ही मैच समाप्त हुआ, टीम के स्टार खिलाड़ी और पूर्व कप्तान हनुमा विहारी ने एसीए और एक साथी खिलाड़ी पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए बवंडर खड़ा कर दिया.
विहारी ने इंस्टाग्राम पर किए अपने एक विवादास्पद पोस्ट में उन परिस्थितियों को उजागर किया जिनमें उन्हें कप्तानी से हटने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, "बंगाल के खिलाफ हुए पहले मैच में मैं कप्तान था. मैच के दौरान मैं एक 17वें नंबर के खिलाड़ी पर शाउट (चिल्लाना) कर बैठा. उसने अपने पिता से शिकायत कर दी. उसके पिता (जो कि एक स्थानीय नेता हैं) ने एसीए से मेरे खिलाफ एक्शन लेने की बात कही. मुझे बिना किसी गलती के कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया."
वैसे विहारी ने अपने इंस्टा पोस्ट में किसी भी खिलाड़ी का नाम सार्वजनिक नहीं किया था. लेकिन उनके इस पोस्ट के जवाब में आंध्र के विकेटकीपर-बल्लेबाज और प्रथम श्रेणी में डेब्यू का इंतजार कर रहे केएन परुधवी राज सामने आए. उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए विहारी को जवाब देते हुए लिखा, "मैं ही वह आदमी हूं जिसे आप उस कमेंट बॉक्स में ढूंढ़ रहे हैं. आप लोगों ने जो कुछ भी सुना वह सरासर झूठ है. खेल से बड़ा कोई नहीं है और मेरा स्वाभिमान भी सबसे बढ़कर है. किसी भी मंच पर व्यक्तिगत हमला और अभद्र भाषा अस्वीकार्य है. टीम में हर कोई जानता है कि उस दिन क्या हुआ था. अब आप जैसे चाहें, वैसे सहानुभूति का खेल खेलें."
एसीए ने भी विहारी के आरोपों को खारिज किया. उसने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा कि जनवरी, 2024 में पहले रणजी मैच (बंगाल के खिलाफ) के बाद सीनियर चयन समिति के अध्यक्ष ने ईमेल के जरिए नए कप्तान का प्रस्ताव रखा था. ऐसा इसलिए क्योंकि विहारी के भारतीय टीम में चुने जाने की संभावना थी और वे रणजी के लिए पूरे सीजन उपलब्ध नहीं हो पाते. एसीए के मुताबिक, "विहारी ने इस फैसले की सराहना की थी, जिसके बाद चयन समिति ने रिकी भुई को नया कप्तान घोषित किया."
बहरहाल, एसीए यहीं नहीं रुका. उसने अपने बयान में विहारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि रिपोर्ट किए गए मामले के मुताबिक, यह हमारे ध्यान में आया है कि उन्होंने बंगाल रणजी मैच के दौरान सभी के सामने एक खास खिलाड़ी के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. प्रभावित खिलाड़ी ने इसके खिलाफ एसीए में आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराई है.
साथ ही, एसोसिएशन ने यह भी कहा कि उसे टीम के साथियों, सहयोगी स्टाफ और एसीए प्रशासकों से भी विहारी द्वारा अभद्र भाषा के इस्तेमाल और अपमानजनक व्यवहार के बारे में शिकायतें मिली हैं. एसीए ने विहारी पर यह भी आरोप लगाया कि वह अन्य टीमों में जाने के लिए बार-बार एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) की मांग करते थे और तुरंत मन भी बदल लेते थे. बहरहाल, अब एसोसिएशन ने कहा है कि वह आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने से पहले सभी शिकायतों की गहन जांच करेगा.