टी-20 विश्व कप: रिंकू सिंह को भारतीय टीम में नहीं चुने जाने को लेकर सवाल क्यों उठ रहे हैं?

रिंकू सिंह को टीम में न चुने जाने के अलावा एक और सवाल पर बहस हो रही है कि टीम में चार स्पिनर को जगह क्यों दी गई है

एक मैच के दौरान रिंकू सिंह (फाइल फोटो)
Rinku Singh

जून की पहली तारीख से अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेले जाने वाले नौवें टी-20 विश्व कप के लिए टीमों के चयन का आज आखिरी मौका है. 30 अप्रैल को बीसीसीआई ने मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की अगुवाई में 15 सदस्यीय भारतीय क्रिकेट टीम का एलान किया. लेकिन इस घोषणा के बाद ही सोशल साइट 'एक्स' पर एक हैशटैग ट्रेंड करने लगा. 

'जस्टिस फॉर रिंकू सिंह' नाम से चले इस ट्रेंड के पीछे वजह यह थी कि रिंकू सिंह को विश्व कप के लिए चुने गए 15 खिलाड़ियों के स्क्वाड में शामिल नहीं किया गया. इसके बजाय उन्हें तीन और खिलाड़ियों के साथ'रिजर्व' प्लेयर के रूप में टीम में रखा गया. रिंकू के टीम में नहीं चुने जाने को लेकर कई पूर्व खिलाड़ियों ने सवाल उठाया है. ऐसे में आइए समझते हैं कि क्या वाकई उनकी टीम में जगह बनती थी?

मंगलवार को बीसीसीआई सचिव जय शाह से मिलने के बाद मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और उनकी टीम ने टी-20 विश्व कप के लिए 15 खिलाड़ियों के नाम पर मुहर लगाई. चार खिलाड़ी बतौर रिजर्व चुने गए. इन 15 खिलाड़ियों में केएल राहुल, रवि बिश्नोई, रिंकू सिंह, शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों के नाम थे जिन्हें जगह नहीं मिली थी. लेकिन जिस नाम पर चर्चा का माहौल तुरंत शुरू हो गया वो रिंकू सिंह का था. उन्हें 15 सदस्यीय टीम में शामिल नहीं किया जाना कुछ लोगों के लिए हैरानी भरा फैसला नजर आया. 

इस फैसले से पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान असहमत दिखे. उन्होंने सोशल साइट एक्स पर लिखा, "मुझे लगता है कि टीम इंडिया के लिए रिंकू सिंह के हालिया प्रदर्शन को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए था." वहीं 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे पूर्व भारतीय ओपनर कृष्णामचारी श्रीकांत कुछ और आगे बढ़कर इसे "बकवास" फैसला करार दिया और कहा कि रिंकू को गलत तरीके से बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

श्रीकांत ने कहा, "रिंकू ने दक्षिण अफ्रीका में मैच जिताऊ पारियां खेली हैं. क्या आपको अफगानिस्तान के खिलाफ वह मैच याद है जिसमें रोहित ने शतक लगाया था? भारत का स्कोर 4 विकेट पर 22 रन था. वहां से टीम ने 212 रन बनाए. रिंकू ने महत्वपूर्ण पारी खेली थी. वह जब भी भारत के लिए खेले, उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया. यह बकवास है, बकवास चयन है. आपको 4 स्पिनरों की जरूरत क्यों है? आपने चंद लोगों को खुश करने के लिए चयन किया है और रिंकू सिंह को बलि का बकरा बना दिया है."

रिंकू को टीम में बतौर रिजर्व प्लेयर जगह मिली है, लेकिन फिर भी बीसीसीआई के इस फैसले पर कुछ लोगों की राय अलग है. इनमें न केवल पूर्व भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं बल्कि कुछ विदेशी खिलाड़ियों ने भी इस फैसले की आलोचना की है. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने इसे हैरानी भरा फैसला बताते हुए कहा, "मैं चार स्पिनर्स को चुने जाने के फैसले से हैरान हूं. मेरे लिए टीम में दो स्पिनर होते और रिंकू सिंह को जगह मिलती." पूर्व कैरेबियाई दिग्गज इयान बिशप ने भी रिंकू को टीम में शामिल किए जाने पर फिंच का समर्थन किया. 

हालांकि लिटिल मास्टर के नाम से दुनिया भर में मशहूर सुनील गावस्कर ने रिंकू के टीम में नहीं चुने जाने की वजह उनकी हालिया आईपीएल फॉर्म को बताया. स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में गावस्कर ने कहा, "हो सकता है कि आईपीएल के इस संस्करण में उनका फॉर्म अच्छा नहीं रहा हो. उन्हें उतने मौके भी नहीं मिले. शायद यही वजह है कि चयनकर्ताओं ने उन्हें नहीं चुना." आइए अब पूर्व खिलाड़ियों की राय से इतर समझते हैं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रिंकू का हालिया प्रदर्शन कैसा रहा है?

सुनील गावस्कर, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान

पिछले साल के आईपीएल सीजन में लगातार धमाकेदार प्रदर्शन के बाद (खासकर गुजरात वाले मैच में जब उन्होंने आखिरी ओवर में यश दयाल की गेंदों को लगातार पांच बार दर्शक दीर्घा में भेजकर टीम को जीत दिलाई थी) रिंकू को भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला. पदार्पण के बाद यह 25 वर्षीय बल्लेबाज भारत की ओर से अब तक 15 टी-20 मैच खेल चुका है. इस दौरान उन्होंने 89 की शानदार औसत से 359 रन ठोके हैं. ठोकना शब्द का इस्तेमाल इसलिए कि उनका स्ट्राइक रेट 176 का रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है कि वे केवल विस्फोटक बल्लेबाजी में यकीन करते हैं. बल्कि उनमें दबाव सहने की लाजवाब क्षमता है. आईपीएल में वे कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) की ओर से फिनिशर की भूमिका निभाते हैं. उनकी इस फ्लेक्सिबिलिटी की तारीफ कई क्रिकेट दिग्गज भी करते हैं. 

रिंकू के टीम में नहीं चुने जाने पर गावस्कर की बात एक हद तक सही लगती है कि उन्हें इस आईपीएल बल्लेबाजी करने के ज्यादा मौके नहीं मिले हैं. केकेआर की ओर से उन्होंने अब तक 8 पारियां खेली हैं. इस दौरान उन्होंने सिर्फ 82 गेंदों का सामना किया है और 123 रन बनाए हैं. स्ट्राइक रेट भी काबिले-गौर 150 का रहा है. लेकिन यहां एक सवाल जरूर उठता है कि अगर चयनकर्ता आईपीएल प्रदर्शन को खिलाड़ियों के चयन का आधार बनाते तो हार्दिक पंड्या (जो टीम के उप-कप्तान रहेंगे दौरे पर), मो. सिराज और अर्शदीप सिंह के फॉर्म को भी देखा जा सकता था, जिन्होंने इस आईपीएल कुछ खास प्रदर्शन किया नहीं है जबकि उन्हें टीम में जगह मिली है.  

बहरहाल, रिंकू के बहाने चयनकर्ताओं का एक और फैसला आलोचकों के निशाने पर है. वो है - चार स्पिनर का टीम में चयन. लोगों के लिए यह एक गुगली की तरह है जिसे वे समझ नहीं पा रहे. पिछले टी-20 विश्व कप में जब सारी टीमें एक लेग स्पिनर खिला रही थीं तो युजवेंद्र चहल बैठ कर बेंच गर्म कर रहे थे. इस बार उन्हें रवि बिश्नोई पर तरजीह दी गई है. बिश्नोई पांच महीने पहले तक नंबर एक टी-20 गेंदबाज थे. फिलहाल वे छठवें नंबर पर हैं. बिश्नोई के बदले चहल का चुना जाना भी कुछ लोगों के लिए माथापच्ची का मामला बन गया है. इसके अलावा एक और सवाल है कि क्या कुलदीप के रहते टीम इलेवन में चहल को जगह मिलेगी? क्या ये दोनों साथ खेल पाएंगे? ठीक यही प्रश्न रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल पर भी लागू होता है? इन्हीं सब सवालों के बीच रिंकू के टीम में न चुने जाने को लेकर बहस हो रही है?

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