क्या आपको भी कोई फैसला लेने में भारी कन्फ्यूजन होता है! फिर तो यह सीरीज आपके लिए ही बनी है
यह सीरीज अमेरिका के वेस्ट टेक्सस में मौजूद तेल के कुंओं की कहानी है. ‘तेल का खेल’ समझाती इस सीरीज़ के मुख्य किरदार में है ‘लैंडमैन’ टॉमी नॉरिस

काफी इंतज़ार के बाद हाल ही में आई दिग्गज सीरीज़ ‘फैमिली मैन’ के तीसरे और सबसे ताज़ा सीजन ने मन-मुताबिक़ मनोरंजन नहीं किया? तो बहुत चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. रास्ते हमेशा होते हैं, लेकिन खोजने की कोशिश करनी होती है. बढ़िया मनोरंजन के साथ अगर देश, दुनिया के दर्शन और राजनीति पर एक कारगर नजरिया भी मिल जाए तो कहने ही क्या.
लेकिन इस मांग के साथ एक कोशिश नत्थी है कि ऐसे कॉन्टेंट को थोड़ा तसल्ली से खोजा जाए. लेकिन जैसे ईश्वर को खोजने के प्रयास सब कामकाजी लोगों के हिस्से ही ना आकर, धर्मार्थ सांसारिक चिंताओं से मुक्त होकर रास्ता बताने वाले गुरुओं के मत्थे आता है. वैसे ही कुछ खोजी आपके लिए स्वस्थ और सार्थक कॉन्टेंट ली तलाश में भी लगे रहते हैं और समय-समय पर आपको ऐसी फिल्मों और शोज़ का पता बताते रहते हैं.
आज ऐसी ही एक ग़ज़ब की वेबसीरीज़ के बारे में हम आपको बताने वाले हैं जो अपने सच्चे मायनों में एक किसिम की ‘आई ओपनर’ ही साबित होती है. यह असल में एक टेलीविजन सीरीज़ है लेकिन अब हॉटस्टार पर दर्शकों के लिए उपलब्ध है. सीरीज़ का नाम है ‘लैंडमैन’. इस शब्द का भी मज़ेदार मायना है. भारत में अंग्रेजों का जब दौर था तब यहां ज़मींदार अपनी ज़मींदारी का इंतेज़ाम करने के लिए एक ऐसे शख्स को रखते थे जो ‘डेढ़ नंबर’ की हैसियत रखता था. मतलब, नंबर एक से नीचे और नंबर दो के ऊपर. इस बंदे को गुमाश्ता कहा जाता था.
गुमाश्ता ही ज़मींदार के लिए उनकी ज़मींदारी के सारे कारज असबाब देखता और संभालता था. गुमाश्ते और ज़मींदार में शरीर और आत्मा का रिश्ता समझिए. अगर आत्मा ज़मींदार है तो उसका शरीर होता है गुमाश्ता. ये तफ्सीलें आपको इसलिए भी बताई जा रही हैं क्योंकि ‘लैंडमैन’ को समझने में ये मददगार होंगी.
अंग्रेज जब भारत में थे तो इसी गुमाश्ते को ‘लैंडमैन’ कहते थे. लेकिन इस सीरीज़ ‘लैंडमैन’ का भारत से कोई सीधा संबंध नहीं है, सिवाय इस शब्द के. लेकिन इस सीरीज़ का एक कनेक्शन भारत से ऐसे भी जुड़ता है कि इस शब्द के अर्थ को अगर भारतीयता हटाकर दुनिया के किसी भी हिस्से के साथ चिपका दें, तो आपको हर कामयाबी के पीछे एक ‘लैंडमैन’ मिलेगा. कामयाबी का सरताज, बस उसके सिर का ताज कांटेदार होता है.
क्या कहानी है ‘लैंडमैन’ की ?
यह सीरीज अमेरिका के वेस्ट टेक्सस में मौजूद तेल के कुंओं की कहानी है. ‘तेल का खेल’ समझाती इस सीरीज़ के मुख्य किरदार में है ‘लैंडमैन’ टॉमी नॉरिस. टॉमी असल में यहां मौजूद सबसे बड़ी ऑयल कंपनी का बॉस है. लेकिन टॉमी का भी एक बॉस है मोन्टी, और वो इस कंपनी का असल मालिक है. टॉमी गुमाश्ता है मोन्टी का.
तेल के कुंओं का पता लगाने के लिए सर्वे करवाने से लेकर, उन ज़मीनों को येन-केन प्रकारेण कब्ज़े में लेने, या कहें लीज़ पर लेने और तेल की पहली बूंद के बाज़ार तक के सफर तक के लिए टॉमी ही ज़िम्मेदार है. मोंटी न्यूयॉर्क में रहकर सिर्फ धंधा बढ़ाने और ताकतवर लोगों से मिलने मिलाने का काम करता है. टॉमी इतने बड़े धंधे को संभालने के लिए सबसे मुफ़ीद आदमी दिखता है. टॉमी के भीतर जो एक चीज़ सबसे करीने से रखी हुई है, वो है स्पष्टता. बिल्कुल साफ़गोई और धारदार जीवन दर्शन. तेल के दर्जनों कुंएं हर पल किसी अनहोनी के मुहाने पर खड़े रहते हैं. और इन अनहोनियों के लिए टॉमी नींद में भी तैयार रहता है. इसे कहते हैं ‘ऑन दी टो’.
तेल के नखलिस्तान में अनगिनत मुसीबतों के बीच बिल्कुल अकेला रहता टॉमी ‘फालतू’ शब्द में यक़ीन नहीं करता. उसके जीवन में परिवार के नाम पर एक पत्नी है, जो टॉमी को छोड़कर किसी और से शादी कर चुकी है. एक बेटी है, जो मां के साथ रहती है और एक बेटा है, जो अपने पिता के लाख समझाने पर भी ‘तेल का खेल’ ही खेलना चाहता है.
टॉमी नॉरिस, मुसीबतों का अनोखा हल निकालता है. और इस अनोखेपन में उससे शायद ही कभी चूक होती है. तेल के कूंओं के साथ एक ख़ास बात ये है कि यहां ‘टाइम इज़ मनी’ मुहावरा एक सौ एक फ़ीसद फिट बैठता है. किसी भी मुसीबत की वजह से अगर किसी भी तेल के कुंएं का काम रुका तो हर सेकण्ड कम्पनी को भारी नुक्सान उठाना पड़ेगा. इसलिए टॉमी का काम है कि कुओं पर तब तक काम ना रुकने दे जब तक कि उसकी कीमत प्रति सेकण्ड निकलने वाले तेल से ज्यादा हो. और वेस्ट टेक्सस में ऐसी कोई समस्या नहीं जो इससे ज्यादा कीमती हो.
सीरीज़ के एक एक्ट से ही समझें. टॉमी को ख़बर मिलती है कि एक चार्टर्ड प्लेन जो कोकीन की तस्करी करने के प्रोसेस में था और किसी सड़क पर लैण्ड करते समय फिसल गया था, वो एक तेल से भरे ट्रक के टैंकर से टक्कर खा गया था. चारों तरफ आपाधापी मची हुई है. कम से कम आधा दर्जन तस्कर जिंदा जल चुके हैं और करोड़ों डॉलर ख़ाक बनकर हवा में बिखरे हुए हैं. मौके पर जब टॉमी पहुंचता है तब उसे मालूम पड़ता है कि जो प्लेन टैंकर से टकराया वो उसी की कंपनी का है, टैंकर भी टॉमी का है और जिस सड़क पर ये सब हुआ वो भी टॉमी की कंपनी की है.
आपके ख़याल से टॉमी की चिंता क्या होनी चाहिए? वो प्लेन, वो टैंकर, आधा दर्जन ड्रग तस्कर जो जलकर खेतों में छितरे हुए हैं? पुलिस की जांच...
नहीं, इस मौके पर टॉमी की चिंता ये है कि सड़क से इस चार्टर्ड को कितनी जल्दी हटाया जा सकता है क्योंकि इस पर से निकलने वाले टैंकर खड़े रहेंगे, जब तक कि सड़क से मलबा हटाया नहीं जाता. जब टॉमी को पता चलता है कि इसमें एक पूरा दिन लग जाएगा तो सेकेंड भर में टॉमी फैसला लेता है और अपने रोड रिपेयरिंग विंग से एक टीम बुलाता है. ढाई घंटे में एक बाईपास रोड बनकर तैयार हो जाएगी.
टॉमी के पास अवाक रह जाने का ना तो टाइम है, और ना ही लग्ज़री. उसके पास ये सोचने में गंवाने के लिए समय नहीं है कि उसका चार्टर्ड प्लेन कब और कैसे चोरी हुआ? एविएशन की टीम क्या कर रही थी और ये तस्कर क्या करने की कोशिश कर रहे थे.
खड़े पैर फैसला, यही टॉमी की सबसे बड़ी ताक़त है. मौजूद विकल्पों में से एक तुरंत चुनने के बारे में आपको कुछ ख़ास बात बताते हैं. तत्काल फैसला लेना किसी भी इंसान की सबसे बड़ी ख़ासियत हो सकती है. ख़ासकर उन सर्विसेज़ में जहां सबकुछ इसी बात पर निर्भर करता हो कि फैसला कितनी जल्दी और कितना सटीक लिया जाता है.
जैसे सेना, सुरक्षा, और प्रशासन जैसी सेवाएं. रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एस. के. सूद इस बारे में एक ख़ास बात की ओर ध्यान दिलाते हैं. सूद कहते हैं “तीनों सेनाओं के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी में जब कैडेट्स को चुना जाता है तो टेस्ट से लेकर पैनल इंटरव्यू तक जो एक बात किसी भी कैडेट के सेलेक्शन में देखी जाती है वो है उसका फैसले ले सकने वाला व्यक्तित्व. सेलेक्शन की प्रक्रिया में सेना के वर्षों के अनुभव से अधिकारी जानते हैं कि अगर कैडेट फैसला ले सकता है तो वो सेना के काम का साबित होगा. आख़िरकार, आदेश लेने और उस आदेश का पालन करवाना ही किसी भी सेना का बड़ा हिस्सा होता है.”
इसी ख़ूबी पर एक और काम की बात बताती हैं रिटायर्ड विंग कमांडर डॉक्टर आस्था गौतम. “ज़्यादातर लोग अपने काम या जीवन में ज़रूरत पड़ने पर फैसला इसलिए नहीं ले पाते क्योंकि वो सही फैसला लेना चाहते हैं. आप जैसे ही सही गलत के भार से खुद को मुक्त करते हैं आप कम से कम आधी जंग तभी जीत जाते हैं. इसे ऐसे समझिए, फाइटर जेट का पायलट जो भी फैसला लेगा वो सही होगा या गलत. तीसरा कोई रास्ता नहीं. लेकिन हर फैसले के साथ पचास फीसद सही होने की संभावना होती ही है. आपके कुछ फैसले गलत होंगे तो कुछ सही भी होंगे. लेकिन ये दोनों स्थितियां, फैसला ना ले पाने की स्थिति से किसी भी हालत में बेहतर होगी. और आपके अनुभव आपको धीरे-धीरे कम गलत फ़ैसलों की ओर ले जाएंगे”
कमाल की बात है कि ‘लैंडमैन’ टॉमी नॉरिस भी अपने मातहतों को यही समझाता है. गलत फ़ैसलों से मत डरो, क्योंकि सही फैसले इन्हीं गलतियों की ज़मीन पर उपजेंगे.
यह सीरीज कैसे बन पाई इतनी जादूई
इस सीरीज़ के जादू का बहुत बड़ा हिस्सा छिपा है इसकी लिखाई में. मशहूर चरित्र अभिनेता और लेखक टेलर शेरिडन ‘लैंडमैन’ के क्रिएटर और राइटर हैं. ‘दी लास्ट काउबॉय’, ‘हेल ऑर हाई वाटर’ और ‘येलोस्टोन’ जैसे शाहकार टेलर पहले भी लिख चुके हैं. ‘लैंडमैन’ का पहला स्क्रीन नैरेशन ही आपको अपनी मजबूत गिरफ्त में ले लेता है और उसके बाद आप टॉमी की दुनिया का हिस्सा बन जाते हैं. क्योंकि टेलर ने थिएटर में काफी काम किया है इसलिए ‘लैंडमैन’ में कई जगह वो थिएटर के प्रयोग भी करते हैं.
मंच पर नाटक कर रहा किरदार अचानक मुड़कर दर्शकों से बात करने लगता है, उनको अपने ख़याल बताने लगता है और दर्शक समझने लगते हैं कि इस नाटक के थोड़े से रचयिता वे खुद हैं. ठीक इसी तरह टॉमी जब घंटे गिनकर एक पूरा भयावह दिन गुजार लेता है तो रात को तारे देखते हुए वो स्क्रीन के दूसरी तरफ मौजूद दर्शक से बात करने लगता है. आधी रात को जब टॉमी और उसका दर्शक, दोनों अगले दिन की तैयारी कर रहे होते हैं. यही इस सीरीज़ का जादू है.
टॉमी के किरदार को क्या ख़ास बनाता है?
बिली बॉब थोर्नटन. जिन्होंने टॉमी का ये किरदार निभाया है. ऐसा लगता है जैसे बिली इस किरदार के लिए दुनिया के सबसे मुफ़ीद शख्स हैं. जब बिगड़े रिश्तों पर टॉमी दो टूक बोल रहा होता है तो लगता है इसमें बिली का अपना अनुभव भी बोल रहा है, जिन्होंने असल ज़िंदगी में कुल छः बार शादी की और उनकी कभी किसी से नहीं निभी. शायद बिली की असल जिंदगी में फैसला पसंदगी ही स्क्रीन पर टॉमी को वो अदायगी दे पाई जिसे हम सीरीज़ में देखते हैं.
कुल मिलाकर, ‘लैंडमैन’ एक ज़रूरी सीरीज़ है. जहां बात तो तेल की दुनिया से शुरू होती है लेकिन आख़िरकार दुनिया के उस तेल या दर्शन पर आकर ठहरती है, जो सबके अंधेरे का इकलौता जगमग चराग़ है.