आपके चेहरे पर मुंहासों और बेजान होती स्किन की वजह कहीं मोबाइल फोन, लैपटॉप तो नहीं?

लंबे समय तक स्क्रीन पर नजरें टिकाए रहना, डिवाइस की गर्मी, इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक रेडिएशन और बैठने का खराब पोश्चर गंभीर स्किन रोगों को जन्म दे सकता है

सांकेतिक तस्वीर

आज हमें हर वक्त पूरी दुनिया से जोड़े रखने वाली डिजिटल लाइफस्टाइल हमारी स्किन के लिए घातक साबित हो रही है. स्किन विशेषज्ञ ‘तकनीक के कारण होने वाले स्किन रोगों’ में उल्लेखनीय वृद्धि देख रहे हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो स्किन की ऐसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं जो मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक इस्तेमाल का नतीजा हैं.

स्क्रीन देखते लंबा समय बिताना, उपकरणों से निकलने वाली गर्मी और इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन के अलावा बैठने की खराब मुद्रा वाली दिनचर्या कई तरह की स्किन समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे चकत्ते और रंगत फीकी पड़ने से लेकर मुंहासे और समय से पहले स्किन का बूढ़ा हो जाना आदि.

डिजिटल उपकरण आज हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, ऐसे में सी.के. बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम में स्किन साइंस कंसल्टेंट डॉ. रूबेन भसीन पासी से जानते हैं कि जागरूकता कैसे हमें स्किन रोगों से बचाने और शुरुआती उपचार में मददगार हो सकती है. 

टेक नेक लाइंस

फोन, टैबलेट या लैपटॉप देखने के लिए बार-बार अपना सिर आगे की ओर झुकाने से गर्दन की नाजुक स्किन पर दबाव पड़ता है. और, समय के साथ ये मुद्रा कोलेजन व इलास्टिन टूटने की प्रक्रिया को बढ़ा देती है, जिससे गर्दन पर महीन रेखाएं धीरे-धीरे गहरी झुर्रियों में तब्दील होने लगती हैं और स्किन में कसाव खत्म होने लगता है. उम्र बढ़ने का शुरुआती संकेत माने जाने वाले ये लक्षण अब 20-30 वर्ष के लोगों में काफी ज्यादा दिखने लगे हैं.
स्क्रीन की वजह से दाग-धब्बे

फोन, कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों से निकलने वाली हाई एनर्जी विजिबल (HEV) रोशनी के संपर्क में रहने की लंबी अवधि के कारण मेलास्मा बढ़ सकता है, जिससे स्किन की रंगत असमान हो सकता है और काले धब्बे और भी गहरे हो सकते हैं. यूवी किरणों के विपरीत नीली रोशनी स्किन में गहराई तक समा जाती है, जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और दाग-धब्बे उभरने की गुंजाइश बढ़ सकती है.

मोबाइल फोन डर्मेटाइटिस

कुछ मोबाइल फोन और उनके कवर में लगे बटन, फ्रेम या उनकी खूबसूरती बढ़ाने वाली फिनिशिंग के लिए निकल या क्रोमियम का इस्तेमाल किया जाता है. लंबे समय तक इन धातुओं के संपर्क में रहने पर एलर्जी की वजह से हाथों, गालों और कानों पर खुजली होने, लाल चकत्ते पड़ने या छोटे-छोटे दाने हो जाने जैसी समस्या हो सकती है.

मुहांसों की समस्या

लंबी बातचीत के दौरान फोन को चेहरे से सटाकर रखने या लंबे समय तक गर्म लैपटॉप को जांघों पर रखने से स्किन को गर्म हो जाती है, जिससे पसीना आने या तैलीय पदार्थ जमा होने की समस्या बढ़ सकती है. इस वजह से पोर (स्किन में पाए जाने वाले छोटे-छोटे होल जिनसे पसीना निकलता है) में आने वाली रुकावट मुहांसे निकलने का कारण बन सकती है, गेमर्स, कॉल सेंटर कर्मचारियों और छात्रों में यह एक आम समस्या है.

खुजली, चकत्ते पड़ना

कुछ लोगों में विभिन्न डिजिटल डिवाइस में इस्तेमाल खास तरह की प्लास्टिक, रबर या धातुओं की वजह से एलर्जी की समस्या सामने आती है. वे जैसे ही इन उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं तो स्किन में खुजली, लालिमा या चकत्ते पड़ने जैसी समस्या उभर आती है, और उनसे संपर्क खत्म होते ही दूर भी हो जाती है. लेकिन बार-बार होने वाली ये समस्या स्किन की संवेदनशीलता के घातक साबित होती है. 

लैपटॉप के कारण एरिथेमा एब इग्ने

लंबे समय तक गर्म लैपटॉप जांघों या पेट पर रखे रहने के कारण स्किन एरिथेमा एब इग्ने की शिकार हो सकती है. यानी एक तरह से लगातार गर्मी के कारण स्किन के झुलसने से इस पर लाल-भूरे धब्बे उभर सकते हैं. समय के साथ स्थिति स्थायी हो सकती है और कुछ मामलों में तो ये स्किन कैंसर के जोखिम भी बढ़ा सकती है.

हेडसेट के कारण पेरिओरल डर्मेटाइटिस

हेडसेट स्ट्रैप या ईयरफोन के लगातार इस्तेमाल के कारण दबाव और घर्षण मुंह, जबड़े और गालों के आसपास की स्किन में जलन पैदा कर सकता है. पसीने और गर्मी के कारण इन जगहों पर लाल चकत्ते पड़ना, स्किन रूखी हो जाना या फिर लगातार सूजन रहना एक आम समस्या है.

नीली रोशनी के कारण फोटोएजिंग

लंबे समय तक डिजिटल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी के संपर्क में रहने से स्किन की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो सकती है क्योंकि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कोलेजन और इलास्टिन तंतुओं को नुकसान पहुंचाता है. इससे स्किन का कसाव घटने लगता है, झुर्रियां बढ़ने लगती हैं और स्किन रूखी और बेजान हो जाती है.

रोजेशिया की समस्या

रोजेशिया यानी मुंहासों और लाल चकत्तों से भरे चेहरे की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए लैपटॉप, टैबलेट या फोन का इस्तेमाल चेहरे की रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर मुश्किलें और बढ़ा सकता है. नतीजा, लगातार लालिमा बनी रहने, और चकत्ते और दाने बढ़ने के तौर पर सामने आ सकता है. ये लक्षण लगातार, लंबे समय तक डिवाइस के इस्तेमाल से और भी ज्यादा बदतर स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं.

हालांकि तकनीक का इस्तेमाल हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है, फिर भी स्किन की सेहत को ध्यान में रखकर इसके दुष्प्रभावों के बारे में सचेत रहना जरूरी है. स्किन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जहां तक संभव हो स्क्रीन का इस्तेमाल समय घटाएं, ब्लू लाइट फिल्टर इस्तेमाल करें, उपकरणों की नियमित सफाई करें और घर के अंदर एंटीऑक्सीडेंट युक्त सनस्क्रीन लगाएं. बैठने के दौरान सही मुद्रा में रहना, सुरक्षात्मक आवरण लगाना और ‘टेक ब्रेक’ लेना भी आपकी स्किन की रक्षा के लिए जरूरी है. कुल मिलाकर, तकनीक का संतुलित इस्तेमाल न केवल आपके दिमाग के लिए अच्छा है, बल्कि स्किन की खूबसूरती बरकरार रखने के लिए भी बेहद जरूरी है.

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