समाचार सारः अर्थशास्त्रियों की वापसी

समाचार सारः अर्थशास्त्रियों की वापसी 

समाचार सारः अर्थशास्त्रियों की वापसी
समाचार सारः अर्थशास्त्रियों की वापसी

अब क्या आर्थिक नीतियां बनाने में अफसरशाहों और नेताओं की भूमिका खत्म हो जाएगी? अगर 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) को पुनर्जीवित करने के बाद ऐसी राय बना लें तो आप गलत नहीं होंगे. नीति आयोग के सदस्य रह चुके बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली इस परिषद में रतन वटाल, रथिन रॉय, सुरजीत भल्ला और अशीमा गोयल जैसे अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया है. अब ईएसी नीतियां बनाने का काम वित्त मंत्रालय और नीति आयोग से अपने हाथ में ले सकती है. अरविंद सुब्रह्मण्यम ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि ईएसी को पुनर्जीवित किया जाए, जिसे एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में भुला दिया गया था. 

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