सीएए का झूला

इसमें कोई हैरत नहीं क्योंकि हिंदू बंगालियों के वर्चस्व वाली इस घाटी में सीएए को भारी समर्थन हासिल है

असम में 6 अप्रैल को मतदान
असम में 6 अप्रैल को मतदान

असम में भाजपा और कांग्रेस से विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर विरोधाभासी संकेत मिल रहे हैं.

एक ओर भाजपा के आला नेताओं ने सीएए को लागू करने को लेकर दृढ़संकल्प जाहिर किया है, पर पार्टी के घोषणापत्र में इसका जिक्र तक नहीं है.

कांग्रेस ने अपनी पांच चुनावी गारंटी में सीएए को वापस लेना शामिल किया है, पर बराक घाटी में एक बांग्ला अखबार में पूरे पन्ने के विज्ञापन में पार्टी ऐसे किसी आश्वासन को गलत बता रही है.

इसमें कोई हैरत नहीं क्योंकि हिंदू बंगालियों के वर्चस्व वाली इस घाटी में सीएए को भारी समर्थन हासिल है.

यही कारण है कि बराक घाटी में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा सुस्मिता देव ने सार्वजनिक रूप से कभी इस कानून का विरोध नहीं किया है.

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