दीदीके बोलो
तृणमूल कांग्रेस का 'दीदीके बोलो' (दीदी को बताओ), अभियान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 'बूथ चलो' अभियान जैसा लगता है. इस अभियान की मदद से ही 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पश्चिम बंगाल में 18 सीटें मिली थीं.

यह देखते हुए कि विधानसभा चुनावों को केवल 20 महीने रह गए हैं और भाजपा अपनी पकड़ बना रही है, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनता तक पहुंचने का अभियान शुरू कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस का 'दीदीके बोलो' (दीदी को बताओ), अभियान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 'बूथ चलो' अभियान जैसा लगता है.
इस अभियान की मदद से ही 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पश्चिम बंगाल में 18 सीटें मिली थीं. लेकिन ममता इन दावों को सिरे से खारिज करती हैं. वे कहती हैं कि यह अभियान जनता की शिकायतों के समाधान वाले उस कार्यक्रम की अगली कड़ी है जो उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में शुरू किया था. इस नए कार्यक्रम के लिए ममता ने Didilebolo.com नाम से वेबसाइट शुरू की है और पार्टी के नेताओं से कहा है कि वे राज्य के 10,000 गांवों में रातें गुजारें.
लेकिन विपक्ष को संदेह है कि लोग दीदी को समस्याओं के बारे में बताएंगे क्योंकि पहले जब लोग अपनी वास्तविक समस्याओं के बारे में आवाज उठाते थे तो उन्हें माओवादी बता दिया जाता था या जेल में डाल दिया जाता था.
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