दहशत और नाउम्मीदीः राजस्थान

सभी राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराईं, अस्पतालों में बिस्तर पाने के लिए हाथ-पैर मार रहे मरीज, कोविड टेस्ट रिपोर्ट आने में कई-कई दिन लग रहे और ऑक्सीजन तथा जरूरी दवाइयों की भारी किल्लत.

जयपुर में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी के कॉरीडोर में लगाए गए कोविड बेड
जयपुर में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी के कॉरीडोर में लगाए गए कोविड बेड

राजस्थान
बीते 18 अप्रैल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कोविड समीक्षा बैठक बुलाई, जिसमें डॉक्टरों, नौकरशाहों और कुछ मंत्रियों ने संपूर्ण लॉकडाउन की सिफारिश की. अर्द्धरात्रि को गहलोत ने राजस्थान में आंशिक लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया. कोविड की दूसरी लहर ने राजस्थान के स्वास्थ्य ढांचे को चरमरा दिया है.

सरकार अधिक से अधिक अस्पतालों को कोविड केंद्रों में बदलने और कोविड रोगियों के लिए निजी अस्पतालों में 25 प्रतिशत बिस्तर आरक्षित करने के लिए मजबूर हुई है. मार्च में राजस्थान में कोविड से 31 मौत दर्ज की गई थी. 20 अप्रैल को ही 64 लोगों की मौत हुई. मौजूदा महीने में मौत का आंकड़ा 450 तक पहुंच गया है.

ऐसी आशंका है कि सक्रिय मामलों की कुल संख्या 19 अप्रैल के 76,000 से बढ़कर महीने के अंत तक 1,30,000 हो सकती है. 20 अप्रैल को राज्य में 12,201 नए मामले दर्ज किए. ठीक होने की दर मार्च में 98 प्रतिशत थी, जो घटकर 81 प्रतिशत पर आ गई है. 20 अप्रैल को जयपुर जिले में 2,011 मामले (अब तक सर्वाधिक), जोधपुर में 1,641 मामले और कोटा में 1,307 मामले दर्ज किए गए.

राज्य में दैनिक परीक्षण क्षमता 77,000 है, जिसे 100,000 तक बढ़ाया जा रहा है. निजी प्रयोगशालाओं में परीक्षण शुल्क 350 रुपए निर्धारित किया गया है. 60 प्रतिशत से अधिक सक्रिय मामले 45 वर्ष से कम आयु के लोगों में हैं, अप्रैल में जितने लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें से एक चौथाई पॉजिटिव मामला 21-30 आयु वर्ग का है.

जयपुर में स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान (आरयूएचएस) के कोविड अस्पताल में मार्च के औसत 30 मरीज के मुकाबले 19 अप्रैल को सभी 1,200 बिस्तर भरे हुए थे. कॉरीडोर में लगे करीब 150 बिस्तरों पर भी मरीज थे.

राज्य का दावा है कि उसके पास 3,000 वेंटिलेटर हैं पर से दो तिहाई काम कर रहे हैं. जिस गति से मामले बढ़ रहे हैं, गंभीर संकट आने वाला है. सरकार 12 जगहों पर प्लाज्मा थेरेपी उपलब्ध करवा रही है और 1,500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. सप्लाई में कमी का मतलब है कि कुछ अस्पताल भरे सिलेंडर ही दे रहे हैं.

पॉजिटिव दर
14.21 %

सक्रिय मामले

118,330
कोविड से मौत
481

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