हर पल व्यस्त थे अब जबरिया आराम

वैजयंती को अब पति के साथ लंबे वाक पर न जा पाना खलता है. रियायरमेंट के बाद दोनों ने जीवन में रोमांस को फिर से जिंदा किया था.

प्रकाश नायक और वैजयंती नायक
प्रकाश नायक और वैजयंती नायक

प्रकाश नायक, 70 वर्ष और

वैजयंती नायक, 67 वर्ष

सेवानिवृत्त दंपति,

अंधेरी पश्चिम, मुंबई

कई स्वयंसेवी संगठनों से जुड़े प्रकाश नायक हमेशा खुद को व्यस्त रखा करते थे. अगर कभी वे बुजुर्गों के अधिकारों के लिए नहीं लड़ रहे होते, या आसमान छूते चिकित्सा खर्चों के खिलाफ संघर्ष नहीं कर रहे होते तो वे अपने दोस्तों को अस्पताल में भर्ती कराने या फिर रक्तदाता की व्यवस्था करने के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में दौड़ते मिल जाते. इंडियन फेडरेशन ऑन एजिंग, वर्सोवा सीनियर सिटिजंस एसोसिएशन और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स एसोसिएशन ऑफ वाकर्स ऐंड जॉगर्स सरीखे कई संगठनों के सक्रिय सदस्य प्रकाश ने कभी ऐसा महसूस ही नहीं किया कि वे नौकरी से सेवामुक्त हो चुके हैं.

हालांकि, कोविड महामारी के बाद चीजें अब बदल गईं हैं. वे अब हर महीने बस कुछ दिनों के लिए अपने घर से निकलते हैं, वह भी बुजुर्गों के बीच विटामिन की गोलियां और इम्युनिटी बढ़ाने वाली जेनेरिक दवाओं का वितरण करने के लिए. इसके अलावा हर किसी की तरह वे भी ज्यादातर अपने घर तक ही सीमित रहते हैं. प्रकाश कहते हैं, ‘‘मैं स्वभाव से ही एक व्यावहारिक व्यक्ति हूं और खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढाल सकता हूं. लेकिन कोविड के अनुरूप खुद को ढालना मेर लिए थोड़ा मुश्किल साबित हो रहा है.’’

कैरम के दीवाने प्रकाश आमतौर पर अपने आवासीय परिसर में बने सामुदायिक मनोरंजन क्लब में अपनी शामें बिताते थे. वे याद करते हैं, ''हर शुक्रवार को यहां संगीत सत्र होते थे, जिसमें सभी बुजुर्ग इकट्ठा होते थे. कैरम पर हाथ आजमाते और चाय पीते हुए हम ब्याज दरों से लेकर शेयर बाजार और अमिताभ बच्चन की फिल्म गुलाबो सिताबो तक, न जाने कितनी सारी चीजों पर बातें किया करते थे. यह हमारे लिए एक मनोरंजन का समय होता और हमें इसकी कमी बहुत खल रही है.’’

पत्नी वैजयंती भी महामारी की वास्तविकता को समझते हुए उसके अनुसार खुद को ढाल रही हैं. वे बताती हैं, ‘‘कोविड ने प्रकाश को एक सेवानिवृत्त इनसान की जिंदगी जीने को मजबूर कर दिया है. मैं भी घर तक ही सिमटकर रह गई हूं और यह मुझे ऐसा महसूस करा रहा है जैसे मैं अब अपने जीवन की सेवानिवृत्ति के चरण में हूं.’’

हालांकि वे घर पर योग और व्यायाम करती हैं लेकिन उन्हें प्रकाश के साथ लंबी सैर को या टहलने नहीं जा पाना बड़ा खलता है जिसने सेवानिवृत्ति के बाद उनके रोमांस को फिर से जीवंत कर दिया था.

वैजयंती को अब पति के साथ लंबे वाक पर न जा पाना खलता है. रियायरमेंट के बाद दोनों ने जीवन में रोमांस को फिर से जिंदा किया था

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