त्रिवेणी संगम

महत्व

तीन पवित्र नदियों का मिलन स्थल ‘त्रिवेणी संगम’ प्रयागराज के बीचों बीच एक सुरम्य तीर्थस्थल है. इस जगह का बेहद खास धार्मिक महत्व है. यहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी का संगम होता है. संगम की रेती पर लगने वाले कुंभ मेले के दौरान तो यहां भक्ति और आस्था का सैलाब ही उमड़ पड़ता है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु जीवन और मोक्ष की तलाश में इस पौराणिक स्थल की यात्रा करते हैं.

कैसे पहुँचें

देश के विभिन्न शहरों से रेलमार्ग के जरिये प्रयागराज जंक्शन पहुंचना सुविधाजनक है, जहां से 10 किलोमीटर दूर संगम तक पहुंचने के लिए टैक्सी, ऑटो या रिक्शा जैसे साधन उपलब्ध हैं. पवित्र संगम स्थल तक ले जाने के लिए नौकाएं उपलब्ध हैं.

प्रमुख मूर्ति

गंगा, यमुना और सरस्वती का पवित्र संगम स्थल ‘त्रिवेणी संगम’ एक दिव्य इकाई के तौर पर प्रतिष्ठापित है. संगम को आध्यात्मिक शुद्धता और ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं के विलय का प्रतीक भी माना जाता है.

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गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन स्थल त्रिवेणी संगम भक्तों के जयकारों से गुंजायमान रहता है.
त्रिवेणी संगम का जल हिंदू पौराणिक कथाओं और अनुष्ठानों में गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है.
यह तीन पवित्र नदियों की आध्यात्मिक ऊर्जा के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण का प्रतीक है.
तीन नदियों के संगम के शांत जल के बीच भक्त धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-अर्चना करते रहते हैं.
यह भक्तों के अनुष्ठान करने और आध्यात्मिक सांत्वना पाने के लिए एक पवित्र स्थान है.
त्रिवेणी संगम का जल पापों को धोने वाला और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है.
संगम पर जुटने वाले श्रद्धालु इसकी महिमा का बखान करते नहीं अघाते.
यह दैवीय कृपा चाहने वाले दूर-दराज के तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है.
देश ही दुनियाभर से बड़ी संख्या में लोग इस दिव्य और पावन तीर्थस्थल पर पहुंचते हैं.
भक्त त्रिवेणी संगम पर एकत्रित होते हैं, इसके पवित्र जल में स्नान करके शुद्ध होते हैं और आशीर्वाद मांगते हैं.
संगम का जल हिंदू पौराणिक कथाओं और अनुष्ठानों में विशेष महत्व रखता है.
इसकी पवित्रता दिव्य कृपा चाहने वाले दूर-दराज के श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच लेती है.
संगम पर धार्मिक अनुष्ठानों के लिए लोग लंबे समय तक डेरा डाले रहते हैं.
त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालू आते हैं.
त्रिवेणी संगम प्रयागराज के आध्यात्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत का एक प्रमुख केंद्र है.
त्रिवेणी संगम का महत्व हिंदू धर्म में सदियों पुरानी परंपराओं और आस्था से मेल खाता है.
साधकों को संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर आध्यामिक शांति का अनुभव होता है.
त्रिवेणी संगम प्रयागराज की समृद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत का एक कालातीत प्रतीक है.
त्रिवेणी संगम का महत्व आध्यात्मिक मुक्ति और ज्ञानोदय के स्थल के रूप में इसकी भूमिका में निहित है.
इस पवित्र स्थल पर लाखों लोग प्रार्थना, अनुष्ठान और आत्मनिरीक्षण के लिए आते हैं.
संगम दैवीय शक्तियों की लौकिक एकता का प्रतिनिधित्व करता है, जो दुनिया भर के साधकों के लिए पूजनीय है.
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