सरयू को अयोध्या की जीवन रेखा कहा जाता है, और पौराणिक मान्यता है कि सरयू नदी का उद्गम ही प्रभु राम की बाल लीलाओं के दर्शन के लिए हुआ था. नदी का तट अपने घाटों और मनोरम दृश्यों के साथ शहर के धार्मिक और सांस्कृतिक लोकाचार की झलक दिखाता है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को राम भक्ति में लीन कर देता है.
अयोध्या के कई प्रमुख मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के घिरे सरयू तट पर पहुंचने के लिए स्थानीय परिवहन साधन काफी आसानी से उपलब्ध हैं. अयोध्या आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यह एक प्रमुख आकर्षण है.
सरयू नदी को एक देवी के तौर पर पूजा जाता है, और माना जाता है कि इसमें डुबकी लगाने मात्र से सभी अशुद्धियां दूर हो जाती हैं. यह नदी जीवन प्रवाह, पवित्रता और निरंतरता का प्रतीक मानी जाती है. भगवान राम की सबसे ऊंची मूर्ति भी सरयू के तट पर ही लगाई जा रही है.