अयोध्या का स्वर्ण महल कहलाने वाला कनक भवन भगवान राम और देवी सीता को समर्पित एक शानदार इमारत है. पौराणिक मान्यता है कि यह राम और सीता का निजी महल था, जिसे विश्वकर्मा की निगरानी में तैयार कराया गया था. यह अपनी अनूठी वास्तुकला और सोने से सजी मूर्तियों के लिए ख्यात है. इसकी शाही भव्यता और दिव्यता लोगों को एकदम मंत्रमुग्ध कर देती है.
कनक भवन हनुमानगढ़ी से कुछ ही दूरी पर स्थित है और राम पथ के रास्ते यहां तक पहुंचा जा सकता है. फैजाबाद पहुंचने के बाद पर्यटक स्थानीय परिवहन के माध्यम से भी कनक भवन पहुंच सकते हैं.
विष्णु के सातवें अवतार माने जाने वाले भगवान राम और माता सीता की मूर्तियां उनके दिव्य प्रेम और नैतिक आदर्शों की निशानी हैं. माना जाता है कि देवी सीता को यह महल मुंह दिखाई में मिला था. रामायण महाकाव्य इसी अनुपम जोड़ी के सद्गुणों और मर्यादा पालन की गाथा के जरिये पीढ़ियों को आदर्श जीवन के लिए प्रेरित करता रहा है.