9 दिसंबर 2025 को सोनिया गांधी 79 साल की हो गई हैं. बर्थ डे के दिन ही दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी को एक नोटिस भेजा है.
विशेष न्यायाधीश की अदालत ने सोनिया गांधी को 1983 में भारत की नागरिकता हासिल करने से पहले 1980 में वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के आरोप में यह नोटिस जारी किया है.
सोनिया के खिलाफ याचिका को पहले खारिज कर चुकी है अदालत
इससे पहले भी इस संबंध में सोनिया के खिलाफ एक याचिका दाखिल की गई थी. तब उस याचिका में सोनिया गांधी के खिलाफ FIR करने की मांग खारिज कर दी गई थी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया था, जबकि वे भारतीय नागरिक 1983 में बनीं.
ऐसे में याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि संभव है कि पहली बार सोनिया का नाम जोड़ने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया हो. ऐसे में यह मामला गंभीर अपराध का है और सोनिया गांधी के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए. अतिरिक्त चीफ न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACMM) वैभव चौरसिया ने 11 सितंबर को यह याचिका खारिज कर दी थी.
कोर्ट ने तब कहा था कि यह मामला अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है और ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 329 का उल्लंघन होगा, क्योंकि इन मामलों की निगरानी संवैधानिक संस्थाओं के अधिकार में आती है. इस तरह इस पूरे मामले को कोर्ट ने चुनाव आयोग के पाले में डालने की कोशिश की थी.
अब एक बार फिर कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की गई है, जिसको लेकर सोनिया को नोटिस जारी किया गया है. यह याचिका विकास त्रिपाठी ने दायर की है और इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने की है.
सोनिया पर वोटर लिस्ट में दो बार नाम जुड़वाने के आरोप
BJP का आरोप है कि सोनिया का नाम दो बार वोटर लिस्ट में जोड़ा गया है. BJP के आरोप मुताबिक, पहली बार 1980 में नाम उनका नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा गया. उस समय सोनिया गांधी इटली की नागरिक थीं और तब गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सरकारी निवास पर रहता था.
उस समय इस पते पर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी के नाम थे. 1 जनवरी 1980 में नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की वोटर्स लिस्ट में संशोधन हुआ था, जिसमें सोनिया गांधी का नाम पोलिंग स्टेशन 145 में क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया.
BJP आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय का कहना है कि 1982 में विरोध के बाद उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया था और 1983 में उनका नाम पोलिंग स्टेशन 140 में क्रम संख्या 236 पर फिर से जोड़ दिया गया.
उनके मुताबिक सवाल यह है कि इस संशोधित सूची के लिए योग्यता की तारीख 1 जनवरी 1983 थी, जबकि सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी. यानी वोटर लिस्ट में नाम जोड़े जाने के वक्त वे भारतीय नागरिक नहीं थीं.

