राजस्थान और मुंबई पुलिस ने Indira IVF संस्थापक अजय मुर्डिया के साथ कथित धोखाधड़ी के आरोप में फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को गिरफ्तार किया है. राजस्थान पुलिस ने भट्ट दंपति को उदयपुर ले जाने के लिए ट्रांजिट रिमांड लिया, जहां शिकायत दर्ज कराई गई थी.
पहली नजर में तो यह मामला करार तोड़ने वाले एक दीवानी विवाद जैसा लगता है. इसमें फिल्ममेकर पर चार में से तीन फिल्में डिलीवर करने में नाकाम रहने का आरोप है, जिसके लिए उन्हें मुर्डिया से 47 करोड़ रुपये मिले थे. लेकिन पुलिस का कहना है कि मामला इससे कहीं ज्यादा बड़ा है.
जांचकर्ताओं के मुताबिक, 47 करोड़ रुपये का एक बड़ा हिस्सा कथित तौर पर ऐसे लोगों को भेजा गया जिन्हें फिल्म निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा दिखाया गया लेकिन असल में वे फर्जी खाताधारक थे. पुलिस का दावा है कि पैसा आखिरकार भट्ट की पत्नी के खातों में पहुंचा.
हालांकि, भट्ट ने पिछले हफ्ते एक मीडिया बयान जारी कर दावा किया कि उदयपुर पुलिस को “पूरे मामले को लेकर गुमराह किया गया है” और संकेत दिया कि आगे की कानूनी लड़ाई जटिल हो सकती है.
हालांकि, उदयपुर के IG गौरव श्रीवास्तव ने इंडिया टुडे को बताया, “हमारी जांच में ये बात सामने आई है कि पैसा ऐसे लोगों को ट्रांसफर किया गया जिनका फिल्म निर्माण से कोई लेना-देना नहीं था, जैसा भट्ट ने दावा किया था. लेकिन बाद में पैसा दूसरे खातों में ट्रांसफर किया गया, जिसमें भट्ट की पत्नी का बैंक खाता भी शामिल है.”
वित्तीय हेरफेर के इस आरोप ने सामान्य तौर पर कारोबारी विवाद जैसे दिखने वाले एक मामले को धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और गबन के संदिग्ध मामले में बदल दिया है, जिससे यह आपराधिक मामला बन गया है. डायरेक्टर-प्रोड्यूसर-स्क्रीनराइटर विक्रम भट्ट को फिल्म सीरीज- राज़- जिसे महेश और मुकेश भट्ट ने प्रोड्यूस किया था- और फिल्म गुलाम (1998) के लिए जाना जाता है, जिसमें आमिर खान और रानी मुखर्जी मुख्य भूमिका में थे. इन दोनों फिल्मों के लिए उन्हें Filmfare में बेस्ट डायरेक्टर का नॉमिनेशन मिला था.
लेकिन हालिया वर्षों में विक्रम भट्ट को कोई बड़ी बॉक्स-ऑफिस सफलता नहीं मिली. ऐसे में, जैसा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है, उनका ये वादा गंभीर सवाल खड़े करता है कि वे अपेक्षाकृत कम बजट की फिल्मों के जरिये 200 करोड़ रुपये का रिटर्न दिला सकते हैं.
उन्होंने जिन चार फिल्मों के जरिये अच्छे-खासे रिटर्न का वादा किया था, उनमें से एक 'तुमको मेरी कसम' 21 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. अनुपम खेर, अदा शर्मा, ईशा देओल और इश्वाक सिंह अभिनीत ये फिल्म मुर्डिया और उनकी पत्नी के जीवन और IVF टेक्नोलॉजी को मुख्यधारा में लाने के उनके संघर्षों की कहानी है.
हालांकि, फिल्म को मिली-जुली और नकारात्मक समीक्षाएं मिलीं और box-office पर इसका प्रदर्शन खराब ही रहा. फिल्म रिलीज के समय को लेकर भी खासा विवाद हुआ, क्योंकि उसी दौरार Indira IVF का 3,500 करोड़ रुपये का IPO प्रस्तावित था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म के सिनेमाघरों में आने के ठीक एक हफ्ते बाद 27 मार्च को SEBI की तरफ से ये चिंता जताए जाने के बाद कि 'तुमको मेरी कसम' फिल्म फंड जुटाने की अवधि के दौरान कंपनी को प्रोमोट करती लग रही है, Indira IVF ने अपना IPO वापस ले लिया. SEBI ने फिल्म रिलीज के समय को “संदिग्ध” माना था.
फिल्म का प्रोडक्शन Indira Entertainment ने किया था और इसमें मुर्डिया के बेटे नितिज और क्षितिज को बतौर निर्माता क्रेडिट दिया गया था, जिससे बाजार नियामक सेबी की चिंताएं और बढ़ गईं. हालांकि, Indira IVF ने आरोप से इनकार किया था. कंपनी प्रवक्ता ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा, “कंपनी ने कई फैक्टर और व्यावसायिक विचारों के मूल्यांकन के बाद पूर्व में दाखिल DRHP (draft red herring prospectus) वापस लेने का फैसला किया है.” हालांकि, यह साफ नहीं किया गया कि कंपनी जल्द ही कभी इस ऑफर को फिर फाइल करने की योजना बना रही है या नहीं.
बहरहाल, 47 करोड़ रुपये की फिल्म डील, मेगा IPO से कुछ हफ्ते पहले एक बायोपिक की रिलीज, IPO की अचानक वापसी और 200 करोड़ रुपये के रिटर्न के कथित वादों ने कुल मिलाकर मामले को उलझा दिया है. इसमें पुलिस को कुछ ऐसी कड़ियां मिली हैं जो मामले को आपराधिक जांच का विषय बनाती हैं.
जनवरी में फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट ने एक मीडिया इंटरव्यू में विक्रम भट्ट के बारे में उदारता दिखाते हुए कहा था, "बरगद की तरह वह उस छाया से बाहर निकल गया है जिसमें उसने शुरुआत की थी.” हालांकि, निजी तौर पर उनके सुर कुछ अलग ही कहानी बयां करते हैं. विक्रम भट्ट की गिरफ्तारी में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया, “महेश भट्ट ने हमसे कहा कि हमारी तरफ से उसे अच्छा सबक सिखाना क्योंकि उसने मेरा नाम भी खराब किया है.”
फिलहाल, मामला फंड डायवर्ट करने, संदिग्ध खातों के इस्तेमाल, अधूरी फिल्मों और विक्रम भट्ट के इस प्रत्यारोप पर टिका है कि पुलिस को गुमराह किया गया है. लेकिन जांचकर्ताओं का कहना है कि जैसे-जैसे डिजिटल फुटप्रिंट और वित्तीय लेन-देन को खंगाला जाएगा, जांच का दायरा बढ़ सकता है. सिर्फ तीन दशक लंबे करियर वाले एक फिल्ममेकर की इज्जत ही नहीं, Indira IVF की कॉर्पोरेट साख भी दांव पर लगी हुई है, खासकर तब जब वह एक मेगा पब्लिक ऑफर वापस लेने के लिए प्रतिकूल नतीजों से भी जूझ रही है.
एक फिल्म डील के साथ शुरू हुआ मामला अब एक multi-layered criminal investigation का विषय बन गया है, जिसमें बॉलीवुड, ढेर सारा पैसा, नियामक जांच और विश्वासघात सब कुछ शामिल हैं. आने वाले हफ्ते तय करेंगे कि ये सिर्फ धोखाधड़ी का मामला रहता है या उद्योग और निवेशकों के भरोसे पर गहरा असर डालने वाला एक बड़ा वित्तीय घोटाला साबित होता है.

