आगामी 20 मार्च से दुनियाभर के जाने-माने राइफल और पिस्टल निशानेबाजों के साथ-साथ इन खेलों के शीर्ष प्रशासक अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी विश्वकप के लिए एक सप्ताह से कुछ अधिक समय तक भोपाल में मौजूद रहेंगे. अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आइएसएसएफ) की ओर से आयोजित यह टूर्नामेंट पिछले दो वर्षों में मध्य प्रदेश में संपन्न हुए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की शृंखला की अगली कड़ी है.
चाहे वे साल 2022 के अंतिम महीनों में निशानेबाजी, घुड़सवारी और महिला मुक्केबाजी के राष्ट्रीय मुकाबले रहे हों, या इस साल जनवरी में अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आइटीएफ) की ओर से आयोजित महिलाओं के टूर्नामेंट या फरवरी में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स, राजधानी भोपाल पिछले कई महीनों से खेल गतिविधियों से गुलजार रही है. यूथ गेम्स में देशभर के लगभग 6,000 युवा एथलीटों ने 27 स्पर्धाओं में भाग लिया था. इसके पहले मार्च, 2022 में भी यहां नेशनल कैनो स्प्रिंट चैंपियनशिप, पुरुषों की राष्ट्रीय हॉकी चैम्पियनशिप (अप्रैल) और सितंबर में जूनियर एथलेटिक्स की राष्ट्रीय स्पर्धाओं के आयोजन से खेलों का माहौल बना रहा.
बीती 30 जनवरी को भोपाल के तात्या टोपे स्टेडियम में यूथ गेम्स का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के प्रत्येक पदक विजेता को पांच लाख रुपए का पुरस्कार देने का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने वादा किया कि राज्य की खेल प्रतिभाओं के प्रोत्साहन के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. गत 1 मार्च को वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए गए राज्य के बजट में खेलों के लिए 738 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था, जो पिछले साल के 235 करोड़ रुपए का तीन गुना है. (हालांकि 2022-23 के खेल बजट को बाद में यूथ गेम्स के आयोजन की वजह से बढ़ाकर 476 करोड़ रुपए कर दिया गया था.)
इंडिया टुडे को यह बताते हुए कि अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का आयोजन भोपाल को कैसे मिला, नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआइ) के महासचिव सुल्तान सिंह कहते हैं, ''हमने राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान (नवंबर-दिसंबर 2022 में) भोपाल का शूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर देखा और पाया कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का है. इसी आधार पर हमने विश्वकप के संभावित आयोजन स्थल के रूप में इस शहर की दावेदारी पेश की जिसे अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने स्वीकार कर लिया.''
विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे की बदौलत ही 22 वर्षीय ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर जैसे पदक विजेता भी मिले हैं, जो मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी से निकले हैं और राइफल स्पर्धा में जूनियर विश्व रिकॉर्ड धारक हैं. इसके अलावा ट्रैप निशानेबाज 23 वर्षीया मनीषा कीर और 28 वर्षीया वर्षा वर्मन हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का नाम रोशन किया है. यहीं के 23 वर्षीय विवेक सागर 2020 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे. यूथ गेम्स में राज्य के एथलीटों ने 39 स्वर्ण, 30 रजत और 27 कांस्य सहित कुल 96 पदक जीतकर प्रदेश को महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद तीसरे स्थान पर पहुंचाया था.
राज्य का खेल और युवा कल्याण विभाग आज 10 खेल अकादमियां चला रहा है. इनमें से छह अकेले भोपाल में हैं—निशानेबाजी, जल स्पर्धा, घुड़सवारी, मार्शल आर्ट, पुरुष हॉकी और एथलेटिक्स. महिला हॉकी और बैडमिंटन अकादमियां ग्वालियर में स्थापित की गई हैं जबकि तीरंदाजी और क्रिकेट अकादमियां क्रमश: जबलपुर और शिवपुरी में हैं. अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और शीर्ष राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कोच से लैस ये अकादमियां मध्य प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को शुरुआती चरण में ही पहचानने में मदद करती हैं और उन्हें अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए आवासीय प्रशिक्षण तथा आहार उपलब्ध करवाती हैं. इस साल के अंत तक 44 और स्टेडियमों का निर्माण पूरा हो जाने की उम्मीद है. राज्य के खेल विभाग के सूत्रों का दावा है कि इन स्टेडियमों के बन जाने पर कुल स्टेडियमों की संख्या वर्तमान 107 से बढ़ कर 150 से अधिक हो जाएगी.
खेल क्षेत्र में सरकार के प्रयासों का नेतृत्व कर रहीं खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने और भी महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं. वे कहती हैं, ''हम अब आगे देख रहे हैं. हम राज्य के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में एक इनडोर स्टेडियम और 52 जिलों में से प्रत्येक में एक बहु-उपयोगी खेल स्टेडियम का निर्माण करेंगे.'' मंत्री बताती हैं कि उनकी योजना मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में स्थित खेल अकादमियों को जिलों में स्थित फीडर केंद्रों से जोड़ने की है. वे कहती हैं, ''इससे जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी.''
खेल के क्षेत्र में भी राज्य के अधिक ऊंचाई पर पहुंचने की क्षमता है. 2022 में गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के नवीनतम संस्करण में यह 66 पदकों के साथ सातवें स्थान पर रहा, जिसमें 20 स्वर्ण पदक शामिल थे. वर्तमान विकास और गति को देखते हुए, मध्य प्रदेश को असल में अब आसमानी ऊंचाइयों तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए.