रविवार की घटना को आप किस रूप में देखती हैं?
यह घटना घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आती है. अधिकृत विधायक दल की मीटिंग रविवार शाम 7 बजे सीएमआर (मुख्यमंत्री आवास) में निर्धारित थी. इसकी सूचना महेश जोशी ने मुझे व अन्य विधायकों को फोन करके दी थी. इसके बाद उन्हीं लोगों ने शांति धारीवाल के घर बैठक करके इस्तीफे देने का फैसला किया जो आलाकमान को आंख दिखाने जैसा कदम है.
आप किस गुट में शामिल हैं?
मैं खेमेबाजी की पॉलिटिक्स नहीं करती. मैं परसराम मदेरणा की विरासत हूं. न मैं अशोक गहलोत गुट से हूं, न मेरा सचिन पायलट गुट से कोई संबंध, मैं तो आलाकमान के गुट से हूं. आलाकमान जिसे भी राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाएंगे हम उनके साथ हैं.
क्या शांति धारीवाल और महेश जोशी ने जो किया वह ठीक है?
कांग्रेस पार्टी में आज के दिन सबसे बड़े गद्दार शांति धारीवाल और महेश जोशी हैं. आलाकमान ने इन्हें पद-प्रतिष्ठा देने में कोई कसर नहीं रखी. शांति धारीवाल को इतनी बार मंत्री बनाया. महेश जोशी दो-दो पद से नवाजे गए हैं. फिर भी इन्होंने आलाकमान को आंख दिखाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी.
धारीवाल और जोशी पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए ?
मेरे दादाजी परसराम मदेरणा कहते थे कि पथ पर पांव नहीं, विश्वास चला करता है. धारीवाल और जोशी ने विश्वासघात किया है, इसलिए इन दोनों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.